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BRD Hospital: खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट, मरीजों को मिलेगी राहत

महानगर स्थित बीआरडी हॉस्पिटल में जल्द शुरू होगी ब्लड स्टोरेज यूनिट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 11:04 AM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 07:45 AM (IST)
BRD Hospital: खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट, मरीजों को मिलेगी राहत
BRD Hospital: खुलेगी ब्लड स्टोरेज यूनिट, मरीजों को मिलेगी राहत

लखनऊ, जेएनएन। बीआरडी अस्पताल में बेडों का विस्तार होगा। वहीं सेवाओं में भी इजाफा होगा। यहां अब ब्लड स्टोरेज यूनिट खोलने की योजना है। इससे भर्ती मरीजों को रक्त अवयवों के लिए भटकना नहीं होगा।

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महानगर स्थित भाऊराव देवरस (बीआरडी) अस्पताल अभी 70 बेड का है। सीएमएस डॉ.आरपी सिंह के मुताबिक अब 30 बेड और बढ़ाने की योजना है। इससे अस्पतालों की इंडोर क्षमता सौ बेड की हो जाएगी। ऐसे में सेवाओं का भी विस्तार होगा। खासकर, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग को अपग्रेड किया जाएगा। अस्पताल में अभी गाइनी की एक ही डॉक्टर हैं। इससे महीने में सिर्फ तीन-चार सिजेरियन प्रसव ही हो पाते हैं। यहां सामान्य प्रसव की सुविधा नहीं है। अब नए डॉक्टर मिलते ही 24 घंटे प्रसव सेवा शुरू हो जाएगी। वहीं ब्लड स्टोरेज यूनिट खुलने से ऑपरेशन से प्रसव व अन्य बीमारियों के लिए आवश्यक रक्त के अवयव अस्पताल में ही मिल सकेंगे।

लोहिया या सिविल से यूनिट होगी कनेक्ट : बीआरडी की ब्लड स्टोरेज यूनिट लोहिया संयुक्त अस्पताल या सिविल अस्पताल से कनेक्ट होगी। यहां की मदर ब्लड बैंक होगी, जोकि बीआरडी में रक्त अवयव की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी। सीएमएस डॉ. आरपी सिंह के मुताबिक एनएचएम को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।

शहर में दो यूनिट हैं संचालित : शहर में अभी दो ब्लड स्टोरेज यूनिट संचालित हैं। इनका मदर ब्लड बैंक लोहिया अस्पताल है। यह स्टोरेज यूनिट एक मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल तो दूसरी इंदिरा नगर सीएचसी में है।

स्टाफ के लिए भेजा गया प्रस्ताव : सीएमएस डॉ.आरपी सिंह के मुताबिक अस्पताल में अभी 18 डॉक्टर व 17 पैरामेडिकल स्टाफ है। वहीं शासन से 34 डॉक्टर व 66 पैरामेडिकल स्टाफ मांगा गया है। इसके अलावा पांच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, यह 25 करने की मांग की गई हैं। जिसपर लगभग सहमति बन गई है। चुनाव बाद सेवाओं का विस्तार होगा।

इमरजेंसी में होगा सात बेड का वार्ड : अस्पताल की इमरजेंसी में अभी एक छोटा बेड है। वहीं अब अलग से इमरजेंसी वार्ड बनेगा, जिसमें सात बेड होंगे। इसका कार्य शुरू हो गया है।

ओपीडी से इंडोर में भी बढ़ेगी संख्या : डॉक्टरों के आने से ओपीडी का भी विस्तार होगा। ऐसे में मरीजों की संख्या ओपीडी से लेकर इंडोर तक बढ़ेगी। वहीं बेड के विस्तार का काम भी जल्द होगा।

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