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खून के सौदागरों ने बनाए नकली डोनर कार्ड, मरीजों को लगा रहे थे चूना

एडीसी कार्ड के पीछे लगाया गया एक थ्रीडी होलोग्राम। 05 से सात हजार रुपये में कार्ड बेच कर मरीजों को लगा रहे थे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 02:08 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 02:08 PM (IST)
खून के सौदागरों ने बनाए नकली डोनर कार्ड, मरीजों को लगा रहे थे चूना
खून के सौदागरों ने बनाए नकली डोनर कार्ड, मरीजों को लगा रहे थे चूना

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना में मरीजों के लिए रक्तदाताओं का अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में खून के सौदागर सक्रिय हो गए हैं। वे अब ब्लड बैंक में सर्जरी के मरीजों को दिए जाने वाले एडवांस डोनर कार्ड (एडीसी) में फर्जीवाड़ा करने लगे। इतना ही नहीं वे हूबहू कार्ड बनाकर उसपर नकली बार कोड चस्पा कर तीमारदारों से प्रति कार्ड पांच से सात हजार रुपये ऐंठ लिए। वहीं जब तीमारदार रक्त लेने पहुंचे तो कार्ड का बार कोड स्कैन नहीं हुआ। इसके बाद मामले का भंडाफोड़ हुआ।

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केजीएमयू में वर्ष भर में 70 हजार यूनिट रक्त की खपत है। यहां का ब्लड बैंक एडवांस में रक्तदान करने पर दो तरह के कार्ड बनाता है। एक स्वैछिक रक्तदान करने वाले को वॉलिंटियर डोनर कार्ड दिए जाते हैं। वहीं, सर्जरी वाले मरीजों को एडवांस डोनर कार्ड (एडीसी) जारी किए जाते हैं। एडीसी कार्ड को सबमिट करने पर विभाग में डॉक्टर सर्जरी की तारीख देते हैं। यह प्रक्रिया इसलिए होती है कि ऑपरेशन के वक्त खून का झंझट न रहे।

वहीं, कोरोना के कारण मरीज रक्तदाताओं को नहीं जुटा सके। लिहाजा, उन्हें सर्जरी के लिए तारीख मिलने में समस्या हो रही है। ऐसी दशा में खून के सक्रिय सौदागरों ने अवैध धंधा शुरू कर दिया। उन्होंने डुप्लीकेट एडीसी कार्ड बना उसपर ब्लड बैंक का बार कोड चस्पा कर। प्रति कार्ड मरीज से पांच से सात हजार रुपये वसूले। ऐसे में जब तीमारदार ब्लड बैंक खून लेने पहुंचे। तो ब्लड बैंक की मशीन में उनका बारकोड रीड नहीं हुआ। इसके बाद पूछताछ में मामले का भंडाफोड़ हुआ।

झांसे में न फंसे तीमारदार

ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक सीवीटीएस, न्यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, जनरल सर्जरी, ऑब्स एंड गाइनी सहित अन्य विभाग में मरीजों की सर्जरी प्लान की जा रही है। इस दरम्यान उनसे एडवांस डोनर कार्ड मांगे जाते हैं, ताकि खून की पहले से व्यवस्था हो सके। इसके बाद तारीख दी जाती है। ऐसे में दलाल नकली कार्ड बना कर तीमारदारों से पैसे ऐंठ लिए। लिहाजा, सभी सर्तक रहें। कारण, नकली कार्ड बारकोड मशीन में पकड़ा जाएगा। ऐसे में तीमारदार किसी को पैसा न दें। वहीं कार्ड में सुरक्षा फीचर बढ़ा दिए गए हैं। अब उसके पीछे एक थ्रीडी होलोग्राम लगा दिया गया है।  


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