Move to Jagran APP

Research :ब्लड कैंसर मरीज को दवा से मिल सकता है छुटकारा Lucknow News

लखनऊ तीन वर्ष बाद क्रॉनिक मायलोमा के मरीज को मिल सकती है राहत। दवा बंद होने के बावजूद मरीजों को समय-समय पर चिकित्सक को दिखाना होगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 09:38 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 09:38 AM (IST)
Research :ब्लड कैंसर मरीज को दवा से मिल सकता है छुटकारा Lucknow News
Research :ब्लड कैंसर मरीज को दवा से मिल सकता है छुटकारा Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। ब्लड कैंसर के मरीजों को दवाओं के लंबा सेवन से छुटकारा मिल सकता है। विदेश में हुए शोध के आधार पर शहर में इलाज करा रहे मरीजों में भी ट्रायल किया गया। इसमें सार्थक परिणाम हासिल हुए। मगर, ऐसे मरीजों में तीन वर्ष तक दवा की डोज अनिवार्य होगी।

loksabha election banner

हिमेटोलॉजी एक्सपर्ट व लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि ब्लड कैंसर मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं। इसमें एक्यूट मायलोमा सबसे खतरनाक होता है। यह तेजी से शरीर में फैलता है। इसमें बोन मेरोट्रांसप्लांट की सफलता भी 30 फीसद के आसपास ही है। इन मरीजों की लगातार दवा चलती है। वहीं क्रॉनिक मायलोमा के मरीजों को लगातार दवा के सेवन से छुटकारा मिल सकता है। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका में आठ वर्ष क्रॉनिक मायलोमा के मरीज पर शोध चला। ऐसे में ठीक हो चुके कई मरीजों में दवा बंद होने पर कैंसर दोबारा नहीं पनपा। लिहाजा, केजीएमयू में पंजीकृत 800 व लोहिया संस्थान में पंजीकृत 150 ब्लड कैंसर मरीजों में से 25 क्रॉनिक मायलोमा के चयनित किए गए। इन मरीजों की तीन वर्ष दवा की डोज चल चुकी है। ऐसे में दवा बंद कर दी गई। लगातार फॉलोअप किया गया। डेढ़ वर्ष हो चुका है। 80 फीसद मरीजों में ब्लड कैंसर दोबारा नहीं हुआ है। लिहाजा, क्रॉनिक मायलोमा के मरीजों को तीन वर्ष बाद दवा सेवन से छुटकारा मिल सकता है। मगर, दवा बंद होने के बावजूद मरीजों को समय-समय पर चिकित्सक को दिखाना होगा। 

टारगेटेड थेरेपी से इलाज सटीक

केजीएमयू के हिमेटोलॉजी विभाग में ब्लड कैंसर पर व्याख्यान हुआ। इस दौरान दिल्ली की डॉ. अर्पिता ने कहा कि ब्लड कैंसर में जीन सीक्वेंसिंग से सटीक जांच मुमकिन है। इससे मरीज में कैंसर ग्रस्त सेल को पहचान कर टारगेटेड थेरेपी दी जा सकती है। विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी वर्मा ने भी ब्लड कैंसर के इलाज की नई तकनीकों पर चर्चा की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.