Black Marketing in Lucknow: पहली काल में बुलाकर करते थे ग्राहकों की रेकी, दूसरी पर देते थे माल की डिलीवरी
Black marketing of medical equipment in Lucknow महानगर पुलिस द्वारा मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी में व्यवसायी पुत्र की गिरफ्तारी का मामला। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित सर्विलांस पर लिए गए आरोपितों के नंबर।
लखनऊ, जेएनएन। महानगर पुलिस द्वारा मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी में गिरफ्तार व्यवसायी पुत्र जय मखीजा और उसका गिरोह बहुत ही शातिर था। गिरोह के लोग ग्राहकों की पहली काल आने पर अपने द्वारा बताए गए स्थान पर बुलाते थे। दूर से रेकी करते थे कि कितने आदमी आए हैं। इसके बाद किसी न किसी बहाने से वह पहली बार में डिलीवरी देने से मना कर देते थे। ग्राहकों पर यकीन होने पर दूसरी काल पर जब बुलाते तो उन्हें मेडिकल उपकणों की डिलीवरी देते थे। जय के फरार साथियों की गिरफ्तारी के लिए एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह ने तीन टीमें बनाई हैं। इनमें से एक टीम सर्विलांस की है। फरार आरोपितों के नंबर सर्विलांस पर ले लिए गए हैं।
बता दें, शनिवार को पुलिस ने आक्सीजन कंसंट्रेटर, थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर समेत मेडिकल के अन्य उपकरणों की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के शातिर व्यापारी पुत्र जय मखीजा को महानगर पुलिस शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। यह लोग वाट्सएप ग्रुप, इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पूरा नेटवर्क चलाते थे। जय के पिता का सर्जिकल उपकरणों के कारोबारी हैं। 50 हजार रुपये कीमत का आक्सीजन कंसंट्रेटर एक से डेढ़ लाख में बेचते थे। आक्सीजन सिलिंडर का वाल्व एक हजार रुपये कीमत का आता है उसके चार से पांच हजार में बेचते थे। पहली मीटिंग पर फोन कर बुलाते और दूर से देखकर चले जाते थे गिरोह के एजेंट इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि जय मखीजा उसके साथी हिमांचल कुमार और जसकरन ने जो वाट्सएप ग्रुप बना रखा था। उसके माध्यम से ही पूरा गिरोह चलाते थे।
माल की डिलीवरी के लिए एजेंटों को रखा गया था। एजेंट से जब ग्राहक फोन करके संपर्क करते तो वह उन्हें भिन्न भिन्न स्थानों पर बुलाते थे। ग्रहक जब उस स्थान पर पहुंचते तो फोन से ही एजेंट संपर्क करते थे। एजेंट कुछ दूर खड़े होकर ग्राहकों से फोन पर बात करते थे। कपड़ों का रंग पूछकर उन्हें चिन्हित कर लेते थें कि उनके साथ कौन और कितने आदमी आए हैं। सही ग्राहकों की पुष्टि होने पर उन्हें फोन कर किसी बहाने से टाल देते थे कि आज डिलीवरी नहीं मिल पाएगी। फिर दो दिन बात फोन कर दूसरे स्थान पर बुलाते और डिलीवरी देकर रुपये ले लेते थे। गिरोह का सरगना जय मखीजा एजेंटों को पांच हजार रुपये कमीशन कंसंट्रेटर बिकने पर देता था और एक हजार रुपये वाल्व की बिक्री पर। इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।