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BKU Non Political : भाकियू अराजनैतिक के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान बोले- किसान आंदोलन के भटकाव के कारण बनाया नया संगठन

Bhartiya Kisan Union Non Political भारतीय किसान यूनियन में लम्बे समय से राष्ट्रीय सचिव के पद पर कार्य कर रहे अनिल तालान ने भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के गठन का प्रस्ताव रखा। जिसका सभी किसानों ने हाथ उठाकर आम राय से समर्थन किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 06:29 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 09:10 AM (IST)
BKU Non Political : भाकियू अराजनैतिक के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान बोले- किसान आंदोलन के भटकाव के कारण बनाया नया संगठन
Bhartiya Kisan Union Non Political : भारतीय किसान यूनियन

लखनऊ, जेएनएन। भारत में किसानों की राजनीति की नींव रखने वाले चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्य तिथि पर रविवार यानी 15 मई को भारतीय किसान यूनियन का एक और संगठन खड़ा हो गया। गन्ना संस्थान के सभागार में किसान नेताओं की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया गया। फतेहपुर के राजेश सिंह चौहान को इसका अध्यक्ष बनाया गया है।

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राजेश सिंह चौहान ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद कहा कि भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में किसानों के साथ एक जैसी समस्या है। इसी कारण देश में एक ऐसे किसान संगठन की आवश्यकता है जो देश व विश्वव्यापी किसान समस्याओं को लेकर चिंतन मंथन और आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सके और साथ ही किसानों की समस्याओं को हल करने में अपनी सकारात्मक भूमिका भी सुनिश्चित कर सके। इसी कारण आज भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि देश में कृषि उत्पाद बाजार या फिर कारखानों के माध्यम से उपभोक्ता तक पहुंचता है, तो उसका मूल्य खेत उत्पाद मूल्य की तुलना में तीन गुणा तक बढ़ जाता है। कृषि और कृषक समस्याओं को लेकर आए दिन वहां भी आंदोलन होते रहते हैं। इसके समाधान के लिए किसानों का एक अच्छा संगठन होना चाहिए, जो तथ्यों के साथ सरकार से संवाद कर सके और साथ ही एक वैश्विक मंच होना चाहिए जो बिना किसी पूर्वाग्रह के दुनिया के किसानों के कल्याण की चिंता करे सके। हम किसानों के कल्याण के बारे में संघर्ष करेंगे, ना कि किसी राजनैतिक दल के साथ जुड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि आज लखनऊ के गन्ना संस्थान, डालीबाग लखनऊ में चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर किसान आन्दोलन की दशा व दिशा पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के कोने कोने से किसान शामिल हुए। इसी में देश में एक नये किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की आवश्यकता महसूस की गई।

भारतीय किसान यूनियन में लम्बे समय से राष्ट्रीय सचिव के पद पर कार्य कर रहे अनिल तालान ने भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों का कार्य अराजनैतिक रूप से दबाव बनाकर किसानों की समस्या का समाधान कराना है। यह तो तह है कि राजनैतिक प्रचार से दूर रहकर ही देश तथा प्रदेश के किसान समस्याओं का समाधान हो सकता है।

किसान नेता हरिराम सिंह वर्मा ने भारतीय किसान यूनियन पर बड़ा आरोप जड़ा। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन में लोकतंत्र नहीं बचा है। किसान चिन्तक हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा कि किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने भारतीय किसान यूनियन का गठन इसलिए किया था कि यह संगठन किसानों की वास्तविक समस्याओं को सरकार के सामने उठाएगा संगठन में लोकतंत्र रहेगा और हमेशा अराजनैतिक स्वरूप में रहेगा। दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज उनके इस बनाये गये संगठन में न तो किसानों की वास्तविक समस्याओं को सरकार के सामने उठाया जा रहा है न संगठन में लोकतंत्र है और न ही यह संगठन अराजनैतिक रहा है।

गठवाला मलिक खाप के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह मलिक ने बैठक में कहा कि देश हर भारतीय का है पर इसकी बुनियान किसान के अथक परिश्रम व त्याग पर टिकी है। विश्व में जब मन्दी का दौर आता है तो यही किसान अपने खून पसीने से देश की अर्थव्यवस्था को संभालता है। कोरोना काल में देश का एक नागरिक भी भूखा नहीं सोया न ही देश की अर्थव्यवस्था डगमगाई इसका श्रेय भी किसान को जाता है। आज भी सूचना क्रांति के दौर में छोटी-छोटी किसान समस्याओं के लिए किसान के रोकने के साथ ही मैं किसान आंदोलन की बडी उपलब्धि नहीं मानता। किसी आंदोलन का कार्य किसान हित में सरकार पर दबाव बनाकर नीति का निर्माण कराना है। राष्ट्र निर्माण में उसकी अहम भूमिका है। हम किसान नेता नहीं बल्कि किसान के बेटे एवं किसान होने के नाते किसान आन्दोलन के नाम पर उपद्रव का समर्थन नहीं करते। इस विषय पर मेरी राय हमेशा से स्पष्ट रही है। केन्द्र व राज्य सरकारों के सहयोग के बिना किसानों का जीवन कहीं अधिक संकटों से भर जायेगा। किसान आन्दोलन का दबाव हमेशा रहना चाहिए जिससे किसान सरकार की योजनाओं के केन्द्र में रहे।

किसान नेता मांगेराम त्यागी जी ने कहा कि देश में एक ऐसे किसान संगठन की आवश्यकता है जो किसानों के हित में कार्य करे। हमारा नया किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) देश तथा विश्वव्यापी किसान समस्याओं को लेकर चिंतन, मंथन और आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा और तथ्यों के साथ किसान हित में सरकार से संवाद करेगा। नये किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) में संरक्षक मंडल, चेयरमैन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय मुख्य महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्य होंगे। अन्य सदस्य संगठन की गठित समितियों से चुने जाएंगे या नामित किए जाएंगे। किसी भी विषय पर राष्ट्रीय कोर समिति का निर्णय अंतिम होगा।

ऐसी रही चुनाव की प्रक्रिया : अनिल तालान ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के अध्यक्ष पद के लिए राजेश सिंह चौहान के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसका सभी किसानों ने हाथ उठाकर आम राय से समर्थन किया। राजेन्द्र सिंह मलिक ने राजेश सिंह चौहान जी को अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की। इसके उपरान्त राजेश सिंह चौहान ने प्रस्ताव रखा कि चौधरी राजेन्द्र सिंह मलिक के सहयोग बिना इतनी बड़ी जिम्मेदारी का निर्वाहन नहीं कर सकता। मेरा प्रस्ताव है कि चौधरी राजेन्द्र सिंह मलिक को संगठन का चेयरमैन व संरक्षक नियुक्त किया जाए। किसानों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। राजेन्द्र सिंह मलिक को सर्वसम्मति से भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का चैयरमैन व संरक्षक नियुक्त किया गया। 


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