Move to Jagran APP

UP Assembly Election 2022: हर जिले में दलित नेताओं पर भाजपा की नजर, पार्टी में जोड़ने का चलेगा अभियान

UP Assembly Election 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा हर तरफ से ताकत जुटाने में लगी है। सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के नारे के साथ पार्टी ने अपनी बांहें दूसरे दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए भी खुलकर फैला दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:02 PM (IST)
UP Assembly Election 2022: हर जिले में दलित नेताओं पर भाजपा की नजर, पार्टी में जोड़ने का चलेगा अभियान
भाजपा दूसरे दल के अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं को शामिल करने का अभियान शुरू करने जा रही है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब आते ही तेज हुई जोड़तोड़ की राजनीति में भाजपा अब खास रणनीति बनाकर काम शुरू करने जा रही है। पार्टी ने दरवाजे तो सभी दलों के लिए खोल रखे हैं, लेकिन दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं पर खास तौर पर नजर है। अनुसूचित जाति मोर्चा हर जिले में दूसरे दल के अनुसूचित जाति के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराने का अभियान शुरू करने जा रहा है।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा हर तरफ से ताकत जुटाने में लगी है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के नारे के साथ पार्टी ने अपनी बांहें दूसरे दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए भी खुलकर फैला दिए हैं। लगातार भाजपा का कुनबा इस तरह बढ़ाया जा रहा है। इस काम में भी भाजपा पूरी रणनीति के साथ काम कर रही है।

मुख्य विपक्षी सपा के चर्चित नेताओं को तोड़कर विरोधी के कमजोर होने का संदेश देना चाहती है तो विभिन्न जातियों के नेताओं को साथ लेकर जातीय समीकरण साधने का प्रयास है। 2014 के लोकसभा चुनाव से बसपा के दलित वोटबैंक में खासी सेंध लगा चुकी भाजपा को भरोसा है कि वहां अभी और भी गुंजाइश है। हर सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग का ठीक ठाक वोट है। खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर यह वोटबैंक निर्णायक भूमिका में है।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि पार्टी ने मोर्चा को जिम्मा सौंपा है कि हर जिले में विशेष अभियान चलाया जाए। दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं पर नजर रखें। खास तौर पर जो दलित वर्ग के नेता और कार्यकर्ता हैं, उनसे संपर्क करें। भाजपा की रीति-नीति बताएं। समझाएं कि गरीब और शोषित वर्ग के भाजपा ने कितने काम किए हैं। ऐसे बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक संख्या में भाजपा में शामिल कराना है। इस तरह भाजपा अपनी ताकत बढ़ाने के साथ-साथ विपक्षी दलों के संगठन को भी कमजोर करना चाहती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.