UP Politics: रायबरेली व मैनपुरी समेत 14 हारी सीटों पर 2024 में जीत के लिए भाजपा का मिशन, उतारे चार केंद्रीय मंत्री
UP Politics भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार 14 हारी हुई लोकसभा सीटों को हर हाल में 2024 में जीत लेना चाहते हैं जिसके लिए खास मिशन तैयार किया गया है। यही रणनीति केंद्रीय प्रभारी नरेश बंसल और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने संयोजकों और प्रभारियों को समझाई।
Lok Sabha Elections 2024: लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बूथ सशक्तीकरण अभियान तो उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों के लिए है, लेकिन 14 हारी हुई सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) अलग मिशन शुरू करने जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव तक इन हारी हुई सीटों को पार्टी लगातार मथेगी। इसका जिम्मा चार केंद्रीय मंत्रियों को सौंपा गया है।
ये केंद्रीय मंत्री लोकसभा प्रवास योजना के तहत हर माह आवंटित संसदीय क्षेत्र में प्रवास करेंगे। उनके मार्गदर्शन में स्थानीय कार्यकर्ताओं की टीम जुटेगी। यह रणनीति इन सीटों के प्रभारी-संयोजक सहित विधानसभा प्रभारियों और संयोजकों को समझा दी गई है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को लोकसभा प्रभारी व संयोजक और विधानसभा संयोजकों-प्रभारियों की बैठक हुई। इसमें उन्हीं सीटों के संयोजक और प्रभारी बुलाए गए थे, जो अभी विपक्ष के पास हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल के साथ मिलकर कुल 64 सीटें जीती थीं। हाल ही में हुए उपचुनाव में सपा से आजमगढ़ और रामपुर सीट भी छीन ली। इस तरह अब 66 संसदीय क्षेत्रों में भाजपा गठबंधन के सांसद हैं, जबकि 14 विपक्ष के पास हैं।
भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार इन हारी हुई सीटों को हर हाल में जीत लेना चाहते हैं, जिसके लिए खास मिशन तैयार किया गया है। यही रणनीति केंद्रीय प्रभारी नरेश बंसल और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने संयोजकों और प्रभारियों को समझाई। उन्हें बताया कि पार्टी ने प्रदेश प्रभारी रहे कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सह-प्रभारी बनाई गईं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी को इन सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है।
इन चारों मंत्रियों के बीच 14 सीटों का बंटवारा किया जाएगा। ये मंत्री लोकसभा चुनाव तक प्रत्येक माह इन क्षेत्रों में प्रवास करेंगे। वहां संगठन की बैठकें करेंगे। जनता से भी भेंट करेंगे। इनके मार्गदर्शन में स्थानीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता चुनावी अभियान में लगेंगे।
बताया गया है कि इस मिशन में भी सबसे अधिक जोर मैनपुरी और रायबरेली पर है। यही वह सीटें हैं, जिनको पार्टी 2014 की प्रचंड मोदी लहर और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी नहीं जीत सकी थी। रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मैनपुरी से खुद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव सांसद हैं। भाजपा आजमगढ़ और रामपुर के सपाई किले ढहाने के बाद विपक्ष के दो पुराने गढ़ में भी सेंध लगाना चाहती है।