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उपचुनाव में हार पर मंथनः अब दिखने लगी अति पिछड़ा वोट सहेजने की तैयारी

पहले गोरखपुर और फूलपुर और फिर कैराना व नूरपुर में मिली पराजय के बाद भाजपा का ध्यान पूरी तरह संगठन मजबूत करने पर है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 08:01 PM (IST)
उपचुनाव में हार पर मंथनः अब दिखने लगी अति पिछड़ा वोट सहेजने की तैयारी
उपचुनाव में हार पर मंथनः अब दिखने लगी अति पिछड़ा वोट सहेजने की तैयारी

लखनऊ (जेएनएन)। पहले गोरखपुर और फूलपुर और फिर कैराना व नूरपुर में मिली पराजय के बाद भाजपा का ध्यान पूरी तरह संगठन मजबूत करने पर है। कैराना, नूरपुर का चुनाव परिणाम आते ही भाजपा ने पिछड़ा मोर्चा के पदाधिकारियों की घोषणा की। पदाधिकारियों का चयन संकेत है कि अब नए सिरे से भाजपा अति पिछड़ों को लामबंद करेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की यह तैयारी अभी से दिखने लगी है। 

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भाजपा पिछड़ा मोर्चा के अध्यक्ष की घोषणा के करीब डेढ़ वर्ष बाद उनकी कमेटी घोषित हुई है। दरअसल, कैराना और नूरपुर हारते ही भाजपा ने अति पिछड़ों को साधने की मुहिम शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अति पिछड़ा कार्ड खेला और सफलता मिली। 2014 में खुद नरेंद्र मोदी पिछड़ों के सबसे बड़े नेतृत्व के रूप में उत्तर प्रदेश में प्रभावी साबित हुए और 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश की कमान सौंपी। विधानसभा चुनाव में भी जादू तो मोदी का ही चला, लेकिन अति पिछड़ी जातियों के बीच से केशव मौर्य को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाना कारगर रहा और गठबंधन समेत 325 सीटें भाजपा की झोली में आ गई। पर, पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भाजपा अति पिछड़ों को साधने में कारगर भूमिका नहीं निभा सकी। इसका खमियाजा भी भाजपा को भुगतना पड़ा। लगातार उपचुनाव में हार ने भाजपा नेतृत्व को मंथन पर मजबूर कर दिया। 

भाजपा ने बहुप्रतीक्षित पिछड़ा मोर्चा के पदाधिकारियों की सूची जारी की तो ज्यादातर अति पिछड़े नेताओं को मौका दिया। इस गुलदस्ते में यादव और कुर्मी जैसी मजबूत पिछड़ी जातियों के नेता भी शामिल किये गये, लेकिन राजभर, कुशवाहा, नाई, मौर्य, सैनी, भुर्जी, मावी, लोधी, कश्यप, बारी, निषाद, चौरसिया, विश्वकर्मा, तेली और पाल बिरादरी के नेताओं को भी अवसर दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष और सीतापुर के सांसद राजेश वर्मा की टीम में आठ  उपाध्यक्ष सकलदीप राजभर, रामरतन कुशवाह, हीरा ठाकुर, राम कैलाश यादव, रमाशंकर पटेल, गुरू प्रसाद मौर्य, परमेश्वर सैनी और जीवन सिंह अर्कवंशी, तीन महामंत्री चिरंजीव चौरसिया, पूरन लाल लोधी और विनोद यादव तथा आठ मंत्री नानकदीन भुर्जी, मोहन प्रसाद बारी, योगेंद्र मावी, राकेश निषाद, ममता लोधी, बाबा बाल दास पाल, बुद्धलाल विश्वकर्मा बनाये गये हैं। पुनीत गुप्ता को कोषाध्यक्ष और संजय सिंह को मीडिया प्रभारी बनाया गया है। 


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