यूपी: आयुष घपले में भाजपा नेता विजय यादव और उसका भाई गिरफ्तार, एसटीएफ ने की कार्रवाई
यूपी के आयुष कालेजों में 891 फर्जी दाखिलों के मामले में कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने भाजपा नेता विजय यादव और उसका भाई गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसटीएफ ने इससे पूर्व 16 नवंबर को निलंबित कार्यवाहक निदेशक समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Medical admission fraud आयुष कालेजों में पिछले शैक्षिक सत्र-2021 में कुल 891 फर्जी दाखिले किए जाने के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय यादव और उनके भाई धर्मेंद्र को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। विजय यादव गाजीपुर के मेडिकल कालेज समेत कई शैक्षणिक संस्थानों के संचालक भी हैं। विजय यादव से पूछताछ के बाद अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। एसटीएफ जल्द कुछ अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर सकती है। विजय यादव व धर्मेंद्र यादव को शुक्रवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
एसटीएफ ने 16 नवंबर को 12 आरोपितों को किया था गिरफ्तार
एसटीएफ ने इससे पूर्व 16 नवंबर को निलंबित कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं प्रो.डा.एसएन सिंह व निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं डा.उमाकांत यादव समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
- लखनऊ जेल में निरुद्ध इन सभी 12 आरोपितों की भी 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा बढ़ा दी गई है। एसटीएफ ने एक दिन पूर्व गाजीपुर के कृष्ण सुदामा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन के मालिक विजय यादव समेत अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी।
- विजय यादव की कई शैक्षणिक संस्थाएं हैं, जिनमें वह निदेशक व भाई धर्मेंद्र यादव उपनिदेशक है। आरोप है कि विजय यादव व उसके भाई ने आरोपित डा. एसएन सिंह, डा. उमाकांत यादव व वेंडर एजेंसी के संचालक कुलदीप सिंह के साथ साठगांठ कर नीट मेरिट लिस्ट में धांधली कराई थी और बड़ी संख्या में अपात्र अभ्यर्थियों का दाखिला अपने आयुष कालेज में किया था।
आर्युवेदिक मेडिकल कालेज हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का मालिक है विजय यादव
- विजय यादव का वाराणसी में भी आर्युवेदिक मेडिकल कालेज हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर है। इसके अलावा गाजीपुर के मदरापुर में केवीएस इंस्टीट्यूट आफ आर्युवेदिक मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर, कृष्ण सुदामा महाविद्यालय तथा केएसवी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी समेत अन्य संस्थान भी हैं।
- एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि विजय व उसके भाई के विरुद्ध धांधली में शामिल होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।
- इस मामले में चार नवंबर को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में डाटा फीडिंग का काम कर रही कंपनी अपट्रान पावरट्रानिक्स तथा उसके द्वारा नामित वेंडर कंपनी वी-3 साफ्ट साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह समेत अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
- जांच में सामने आया था कि बीते शैक्षिक सत्र-2021 में नीट-यूजी की मेरिट को दरकिनार कर ऐसे कई अभ्यर्थियों को आयुष कालेजों में प्रवेश दिया गया, जिनके नाम मेरिट लिस्ट में नहीं थे।
शासन ने सात नवंबर को प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने का निर्णय किया था और केंद्र सरकार को सीबीआइ जांच संबंधी पत्र भेजा गया था। हालांकि सीबीआइ ने अब तक इस मामले की जांच अपने हाथ में नहीं ली है।