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बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मनीष सिसोदिया से पूछे दस सवाल, कहा- दिल्ली में शिक्षा नहीं 'विज्ञापन क्रांति' की गई

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से दिल्ली की फेल शिक्षा व्यवस्था पर 10 सवाल किए हैं। उन्होंने कहा कि मनीष सिसौदिया यूपी की जनता से झूठ बोलें इससे पहले इन सवालों का जवाब जनता को दीजिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 06:37 PM (IST)
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मनीष सिसोदिया से पूछे दस सवाल, कहा- दिल्ली में शिक्षा नहीं 'विज्ञापन क्रांति' की गई
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मनीष सिसोदिया से दिल्ली की फेल शिक्षा व्यवस्था पर 10 सवाल किए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से दिल्ली की फेल शिक्षा व्यवस्था पर 10 सवाल किए हैं। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया उत्तर प्रदेश की जनता से झूठ बोलें, मेरी ये चुनौती है कि इन सवालों का जवाब जनता को दीजिए। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति नहीं 'विज्ञापन क्रांति' की गई है।

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बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि अगर दिल्ली के सरकारी स्कूल अच्छे हुए, तो सरकारी स्कूल छोड़कर प्राइवेट स्कूलों में जाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी क्यों। दिल्ली सरकार के इकॉनोमिक सर्वे की रिपोर्ट के आंकड़े इसका प्रमाण भी देते हैं। इस सर्वे के अनुसार वर्ष 2014-15 में जहां दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों का शेयर केवल 31 फीसद था, वर्ष 2017-18 में वह बढ़कर 45.5 फीसद से भी अधिक हो गया।

कपिल मिश्रा ने सवाल पूछा है कि जहां एक तरफ दिल्ली की जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले बच्चों की संख्या लगातार कम कैसे होती चली गई। 2014 में एक लाख 66 हजार बच्चे 12वीं की परीक्षा में बैठे। 2015 में एक लाख 40 हजार, 2016 में एक लाख 31 हजार, 2017 में एक लाख 21 हजार, 2018 में केवल एक लाख 11 हजार बच्चे ही 12वीं की परीक्षा में बैठे। ये कमी आखिर क्यों और कैसे आई। 2014 के मुकाबले सरकारी स्कूलों से निकलकर एक लाख 40 हजार छात्र प्राइवेट स्कूल में क्यों गए। 2014 की तुलना में सरकारी स्कूल के 42,000 छात्र 12वीं बोर्ड में क्यों कम पास हुए।

कपिल मिश्रा ने ट्वीट में कहा कि 10वीं का रिजल्ट ठीक दिखाने के लिए करीब 50 फीसद बच्चों को 9वीं में फेल किया जा रहा है। दिल्ली में 2016-17 में 47.7 फीसदी बच्चे 9वीं क्लास में फेल किए गए और 10वीं पास करके 11वीं में आए बच्चों में से भी 20 फीसद बच्चे फेल किए गए। यानी 9वीं की तुलना में केवल आधे बच्चे 10वीं में और केवल एक तिहाई बच्चे 12वीं कक्षा में पहुंचे। ये आंकड़ा आजादी के बाद का सबसे खराब आंकड़ा है। विज्ञापन में 10वीं और 12वीं का रिजल्ट अच्छा दिखने के लिए लाखों बच्चों को 9वींऔर 11वीं में फेल किया जा रहा है। लाखों बच्चों को फेल करने, सरकारी स्कूलों से बाहर करने, प्राइवेट स्कूलों में बच्चे बढ़ने और सरकारी स्कूलों में छात्रों में भयानक कमी होने के कारण क्या हैं।

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि शिक्षा के बजट की घोषणा बड़े बड़े विज्ञापन देकर की जाती है लेकिन क्या मनीष सिसोदिया ये बताएंगे कि बजट खर्च कितना होता है। 2017-18 में शिक्षा बजट में से 2000 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हुए। पिछले पांच सालों में शिक्षा बजट ना खर्च करने का आंकड़ा हर साल 2000 करोड़ रुपये के आसपास ही रहा हैं। यानी केवल बजट की घोषणा हुई और काम कुछ नहीं हुआ।

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने पूछा कि सात सालों में कितने टीचर्स की भर्ती हुई। क्यों 70 फीसद स्कूलों में प्रिंसिपल का पद खाली हैं। क्यों 92 फीसद स्कूलों में अध्यापकों की कमी है। क्यों 76 फीसद स्कूलों में पीने का पानी का कनेक्शन तक नहीं है। उन्होंने कहा कि न नए स्कूल बने और न नए कॉलेज बने। हुआ तो केवल विज्ञापन और मीडिया मैनेजमेंट। ये शिक्षा क्रांति नहीं विज्ञापन क्रांति है। 


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