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UP: कोरोना तीसरी लहर से निपटने को भाजपा सरकार व संगठन की रणनीति, 24 करोड़ आबादी का सुरक्षा घेरा बनाएंगे 'स्वास्थ्य स्वयंसेवक'

कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में भी मैदान में डटा रहा सत्ताधारी दल संभावित तीसरी लहर से मोर्चा लेने के लिए बांहें चढ़ाकर तैयार है। सेवा ही संगठन के मूलमंत्र के साथ सरकार और संगठन के समन्वय की ठोस रणनीति तय की गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 12:05 PM (IST)
UP: कोरोना तीसरी लहर से निपटने को भाजपा सरकार व संगठन की रणनीति, 24 करोड़ आबादी का सुरक्षा घेरा बनाएंगे 'स्वास्थ्य स्वयंसेवक'
यूपी में कोरोना तीसरी लहर से निपटने को भाजपा सरकार व संगठन की रणनीति बनाई है।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विपक्ष की रणनीति के गर्भ में सांस ले रहे कोरोना मुद्दे की 'भ्रूण हत्या' की तैयारी भाजपा ने कर ली है। कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में भी मैदान में डटा रहा सत्ताधारी दल संभावित तीसरी लहर से मोर्चा लेने के लिए बांहें चढ़ाकर तैयार है। 'सेवा ही संगठन' के मूलमंत्र के साथ सरकार और संगठन के समन्वय की ठोस रणनीति तय की गई है। पार्टी पहली बार हर गांव और वार्ड में स्वास्थ्य स्वयंसेवक तैनात करने जा रही है, जो प्रदेश की चौबीस करोड़ आबादी के लिए सुरक्षा घेरा तैयार करेंगे।

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भाजपा कोर कमेटी की पिछले दिनों हुई बैठकों में सबसे ज्यादा जोर सरकार और संगठन के समन्वय से सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने पर रहा। खास तौर पर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जनता को हुई तकलीफ को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा गया। तभी से इस दिशा में कवायद शुरू हो गई थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने रणनीति तैयार कर ली है। तय हुआ है कि प्रदेश के सभी 69 हजार राजस्व गांव और नगरीय क्षेत्र के दस हजार वार्ड में स्वास्थ्य स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे।

इस अभियान के प्रदेश संयोजक एवं विधान परिषद सदस्य अश्विनी त्यागी ने बताया कि हर गांव और वार्ड में दो कार्यकर्ता स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में समन्वय की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसमें एक महिला और एक युवा कार्यकर्ता रहेगा। यह सरकार द्वारा गठित निगरानी समितियों के साथ समन्वय बनाकर नजर रखेंगे कि कहां, कौन मरीज संक्रमित हुआ। तुरंत जरूरत अनुसार दवा, आक्सीजन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता आदि की व्यवस्था कराएंगे। उन्होंने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं की स्थानीय टीम इनके समन्वय में काम करेगी। टीम में प्रदेश से लेकर गांव स्तर तक एक कोई भी डिग्रीधारक डाक्टर जरूर शामिल रहेगा, जिससे कि पीड़ित परिवार को चिकित्सा परामर्श दिलाया जा सके। प्रदेश, क्षेत्र, जिला और मंडल स्तर पर भी समन्वय के लिए टीम रहेगी।

बच्चों को लेकर विशेष सतर्कता : प्रदेश महामंत्री त्यागी ने बताया कि संभावित तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए हर स्तर पर टीम में महिला की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इन सभी लगभग डेढ़ लाख स्वास्थ्य स्वयंसेवकों को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, ताकि वह ग्रामीणों को बता सकें कि कैसे पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि का इस्तेमाल करें। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करें। इसके लिए विशेषज्ञों के वीडियो भी तैयार कराए जा रहे हैं।

दो चरणों में चलेगा अभियान : भाजपा ने इस अभियान के लिए दो चरण तय किए हैं। पहले तो कोविड प्रोटोकाल और टीकाकरण के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास होगा, ताकि तीसरी लहर की नौबत ही न आए। फिर यदि तीसरी लहर आ ही जाए, तब इलाज और बचाव के मिशन पर स्वास्थ्य स्वयंसेवक जुटेंगे। संगठन ने सेवा तो पहली और दूसरी लहर में भी की, लेकिन इस बार व्यवस्थित रणनीति है।


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