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समाजवादी विचार को आगे बढ़ाने में बेहद सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव, जन्मदिन आज

जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल से राजनीति में पदार्पण करने वाले मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को खड़ा करने के साथ ही प्रदेश में उसको शीर्ष पर भी पहुंचाया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 03:18 PM (IST)
समाजवादी विचार को आगे बढ़ाने में बेहद सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव, जन्मदिन आज
समाजवादी विचार को आगे बढ़ाने में बेहद सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव, जन्मदिन आज

लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का आज 80वां जन्मदिन है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल से राजनीति में पदार्पण करने वाले मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को खड़ा करने के साथ ही प्रदेश में उसको शीर्ष पर भी पहुंचाया। तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के साथ केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहे।

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह ने 1960 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद से वह देश के चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 6 दशक से बदलते भारत को न सिर्फ बेहद करीब से देखा बल्कि उसके बदलाव में सक्रिय योगदान भी दिया। अपने 80वें जन्मदिवस पर मुलायम सिंह यादव राजनीतिक जीवन के 58 वर्ष भी पूरे कर लेंगे। वह अपने राजनीतिक जीवन में किंग मेकर से लेकर किंग तक की भूमिका में रहे। मुलायम सिंह यादव ने तीव्र फैसला करने वाले अपने व्यवहार से केंद्र के साथ प्रदेश की सत्ता में अपना लोहा मनवाया।

किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह यादव को उनके पिता सुधर सिंह यादव पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन यही शौक उन्हें राजनीति की ओर ले गया। मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में उनके राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह उनसे प्रभावित हुए। नत्थूसिंह के ही परंपरागत विधान सभा क्षेत्र जसवंत नगर से उनका राजनीतिक सफर भी शुरु हुआ। शिक्षक पद से त्यागपत्र देने के बाद वह पूरी तरह सक्रिय राजनीति में आ गए और 1967 में सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़कर जीते। 1977 में उन्हें जनता सरकार में मंत्री बनाया गया। 1980 में कांग्रेस सरकार में भी वे मंत्री रहे। पांच दिसंबर 1989 में वह पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए।

मुलायम सिंह यादव का प्रधानमंत्री बनने का सपना भले ही अधूरा है, लेकिन उन्होंने पहले ही सियासी दांव में सभी को मात दे दी थी। समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के संपर्क में आने के बाद 1967 में मुलायम सिंह पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वह तो साठ का दशक था। इसके बाद से मुलायम सिंह यादव ने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था।

1967 में पहली बार जीतकर पहुंचे विधानसभा

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को एक साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने अपने शैक्षणिक जीवन में बीए, बीटी और राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की। उनकी पूरी पढ़ाई केके कॉलेज इटावा, एके कॉलेज शिकोहाबाद और बीआर कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से पूरी हुई। मालती देवी से शादी के बाद साल 1973 में मुलायम सिंह के घर बेटे अखिलेश यादव ने जन्म लिया। इस दौरान वह राजनीति की दुनिया में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा चुके थे। 1960 में उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी और 1967 के चुनाव में वह पहली बार विधायक बन चुके थे। राजनीति में कूदने के लिए उन्हें प्रेरित करने वाली शख्सियत का नाम राम मनोहर लोहिया था।

देश में खड़ा किया सबसे बड़ा राजनीतिक कुनबा

इटावा के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था। उनका परिवार पहले बेशक राजनीति से न जुड़़ा हो, लेकिन आज उनके परिवार के कण-कण में राजनीति बसती है। देश में उनके परिवार से बड़ा राजनीतिक परिवार शायद ही हो। भाई, भतीजा, बेटा और बहु हर कोई ब्लॉक और पंचायत स्तर से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व कर रहा है। आज मुलायम सिंह यादव राजनीति में काफी ऊंची पायदान पर हैं। वह जमीनी स्तर पर राजनीति करने के बाद इस मुकाम पर पहुंचे।

छा गया था नारा  'जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है'

प्रदेश में समाजवादी पार्टी के उभार के साथ ही एक नारा लोगों की जुबां पर छा गया था कि 'जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है'। ...और प्रदेश की राजनीति में मुलायम का जलवा सक्रिय राजनीति में कभी कम न हुआ। वह भले ही सत्ता में रहे या उससे बाहर, उनकी महत्ता बरकरार रही। यूपी में समाजवादी चेतना के सबसे वाहक के रूप में वह उभरे। इस बीच तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला। समर्थक ही नहीं, विरोधी भी हमेशा उनके कायल रहे।

मुलायम सिंह यादव यूपी में समाजवाद का परचम फहराने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे। राजनीतिक उतार-चढ़ावों के तमाम क्रमों के बीच 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई और प्रदेश की राजनीति में पिछड़ों व मुस्लिमों का मजबूत समीकरण खड़ी किया। उस समय तक दलित मतों में बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशी राम ने भी पैठ बना ली थी। सपा-बसपा के गठजोड़ ने प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक पकड़ को कमजोर कर दिया। 

साल दर साल राजनीतिक सफर

1960 : मुलायम सिंह राजनीति में उतरे

1967 : पहली बार विधानसभा चुनाव जीते।

1974 : प्रतिनिहित विधायक समिति के सदस्य बने।

1975 : इमरजेंसी में जेल जाने वाले विपक्षी नेताओं में शामिल।

1977 : उत्तर प्रदेश में पहली बार मंत्री बने, कॉ-ऑपरेटिव और पशुपालन विभाग संभाला।

1980 : उत्तर प्रदेश में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला।

1985-87 : उत्तर प्रदेश में जनता दल का अध्यक्ष पद संभाला।

1989 : पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर कमान संभाली

1992 : समाजवादी पार्टी की स्थापना कर, विपक्ष के नेता बने।

1993-95: दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे।

1996 : मैनपुरी से 11वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री का पद संभाला।

1998-99 : 12वीं और 13वीं लोकसभा के लिए फिर सांसद चुने गए

1999-2000 : पेट्रोलियम और नेचुरल गैस कमेटी के चेयरमैन का पद संभाला।

2003-07 : तीसरी बार यूपी का मुख्यमंत्री पद संभाला।

2004 : चौथी बार 14वीं लोकसभा में सांसद चुनकर गए।

2007 : यूपी में बसपा से करारी हार का सामना करना पड़ा।

2009 : 15वीं लोकसभा के लिए पांचवीं बार चुने गए।

2009 : स्टैंडिंग कमेटी ऑन एनर्जी के चेयरमैन बने।

2014: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से सांसद बने। छठी बार लोकसभा पहुंचे।

2014 : स्टैंडिंग कमेटी ऑन लेबर के सदस्य बने।

2015 : जनरल पर्पस कमेटी के सदस्य बने।

जन्मदिन मनाने की बड़ी तैयारी

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज 80वां जन्मदिवस है। देश के बड़े समाजवादी नेताओं में शुमार मुलायम सिंह के जन्मदिवस को लेकर आज उनके पैतृक निवास इटावा के सैफई से लेकर लखनऊ तक समाजवादी पार्टी तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। समाजवादी पार्टी ने बड़ी तैयारी कर रखी है, तो दूसरी तरफ मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने भी अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के बैनर तले विशेष दंगल का आयोजन किया है। 


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