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स्टोर मिली रीडिंग तो डेढ़ गुना होगी वसूली

अंशू दीक्षित, लखनऊ : अब उन उपभोक्ताओं की खैर नहीं जो बिजली तो खूब खर्च करते हैं लेकि

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 07:50 PM (IST)
स्टोर मिली रीडिंग तो डेढ़ गुना होगी वसूली
स्टोर मिली रीडिंग तो डेढ़ गुना होगी वसूली

अंशू दीक्षित, लखनऊ : अब उन उपभोक्ताओं की खैर नहीं जो बिजली तो खूब खर्च करते हैं लेकिन बिल अपने हिसाब से जमा करते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को चिन्हित करके लेसा शिकंजा कसेगा। स्टोर रीडिंग का डेढ़ गुना दाम वसूला जाएगा। प्रक्रिया लागू करने से पहले लेसा अपने साफ्टवेयर को अपडेट करेगा। इस नई तकनीक से अगर उपभोक्ता ने मीटर रीडर पहुंचने से पहले बिल जमा कर दिया, तब भी मीटर रीडर स्टोर रीडिंग मिलने पर बची हुई रीडिंग का बिल निकाल देगा। और नियत समय पर बिल जमा न होने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा।

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कुछ माह से लेसा डोर-टू-डोर चेकिंग अभियान चला रहा है। अभियान में हर दसवें घर में स्टोर रीडिंग मिल रही है। इससे लेसा को समय से राजस्व नहीं मिलने पर आर्थिक क्षति हो रही है। अब ऐसे उपभोक्ताओं से निपटने के लिए लेसा ने नई रणनीति बनाई है। अभियंताओं के मुताबिक मीटर रीडर के पास क्षेत्र बड़ा होता है, इसलिए वह एक से आइ तारीख के बीच पूरे क्षेत्र में रीडिंग लेता है, कुछ होशियार उपभोक्ता बिजली ज्यादा खर्च करके चंद यूनिट का बिल काउंटरों पर पहुंचकर जमा कर देते हैं और जांच में अगर रीडिंग मिलती है तो अगले माह का बहाना बनाकर बकाया रीडिंग जमा नहीं करते। ऐसे उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार कर ली गई है।

डिविजन स्तर पर ऐसे उपभोक्ताओं की सूची, जिनका रिकार्ड पिछले कई महीनों से खराब चल रहा है। उनका रिकार्ड भी लेसा अभियंता कंप्यूटरों पर दर्ज करवा देंगे और उनके बिल जमा करने से पहले मीटर रीडर को उनके परिसर में रीडिंग जांचने भेजेगा। इसके लिए भी साफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा है। अभियंताओं के मुताबिक यह प्रक्रिया दो माह में पूरी कर ली जाएगी।

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तीन माह में मिली बीस लाख रीडिंग

तीन माह में लेसा को चेकिंग के दौरान बीस लाख से अधिक स्टोर रीडिंग मिल चुकी है। इसके बाद लेसा ने यह निर्णय किया है। यही नहीं ऐसे उपभोक्ताओं से स्टोर रीडिंग मिलने पर डेढ़ गुना रीडिंग का चार्ज किया जाएगा। घरेलू व वाणिज्यक की दरें अलग अलग लागू होंगी।

क्या है स्टोर रीडिंग

उदाहरण के तौर पर उपभोक्ता आठ सौ यूनिट बिजली खर्च करता है और जमा करता है सिर्फ दो से ढाई सौ यूनिट का बिल। इससे हर माह उसके यहां रीडिंग स्टोर होती रहती है और चंद माह में यह रीडिंग हजारों यूनिट में तब्दील हो जाती है। इससे लेसा को समय से राजस्व नहीं मिल पाता है।

इस नए फार्मूले पर काम शुरू कर दिया गया है। ऐसे उपभोक्ताओं से सख्ती से निपटा जाएगा जो रीडिंग स्टोर करते हैं। अब बिल जमा नहीं कर सकेंगे। उनकी सूची संबंधित कंप्यूटर पर बैठे कर्मियों के पास भी रहेगी।

आशुतोष कुमार, मुख्य अभियंता ट्रांस गोमती।


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