टक्कर के बाद नाले में गिरा बाइक सवार, रात भर कार के नीचे दबा रहा-मौत Lucknow News
कठौता चौराहे के पास हुआ हादसा नशे में धुत थे कार सवार। कार के नीचे दबा रहा युवक आरोपितों ने नहीं दी किसी को जानकारी। पुलिस की लापरवाही भी उजागर।
लखनऊ, जेएनएन। कठौता चौराहे के पास रविवार देर रात कार सवारों ने एक बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बाइक सवार डिलीवरी मैन आलोक दुबे (26) नाले में गिर गया। कार भी अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई। इससे आलोक कार के नीचे दब गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना में पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई है। पुलिस ने कार सवारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
इंस्पेक्टर विभूतिखंड राजीव द्विवेदी के मुताबिक आलोक मूल रूप से अमेठी के शिवरतनगंज के पूरे जयलाल दुबे गांव का रहने वाला था। रविवार रात में वह आर्डर की डिलीवरी देकर बाइक से लौट रहा था। देर रात करीब एक बजे कठौता चौराहे के पास एमजे ग्रैंड मैरिज लॉन के समीप कार ने बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर से आलोक बाइक समेत नाले में जा गिरा। वहीं कार भी नाले में जा गिरी। राहगीरों ने किसी तरह कार सवार पांच युवकों को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। पहुंची पुलिस देर रात तक कार को बाहर निकालने का प्रयास करती रही पर सफलता नहीं मिली तो वापस लौट गई।
पुलिस ने यह देखने की कोशिश नहीं की कि कार के नीचे आलोक दबा हुआ है। सोमवार सुबह क्रेन की मदद से कार को नाले से निकाला गया, जिसके बाद पता चला कि गाड़ी के नीचे बाइक समेत आलोक दबा हुआ था। उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पहचानपत्र की मदद से शिनाख्त कर घरवालों को जानकारी दी। आलोक के पिता देवेंद्र की तहरीर पर कार सवार पांचों युवकों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
रात भर कार के नीचे दबा रहा, पुलिस को भनक नहीं
कार सवारों की लापरवाही के कारण आलोक की जान गई है। हादसे के बाद आलोक कार के नीचे सुबह तक दबा पड़ा रहा। राहगीरों ने कार सवारों को निकाला तो उन्होंने किसी को भी यह नहीं बताया कि गाड़ी के नीचे कोई दबा हुआ है। अगर आरोपितों ने लोगों को इसकी जानकारी दे दी होती तो शायद आलोक की जान बच जाती।
कार की टक्कर से वृद्ध की मौत
मल्हौर में तेज रफ्तार कार ने रविवार दोपहर सड़क पार कर रहे रामचंद्र (60) को टक्कर मार दी। हादसे में घायल रामचंद्र को लोहिया ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक रामचंद्र की किराने की दुकान है। वह दोपहर दुकान बंद कर खाना खाने घर जा रहे थे।
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