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Bike Bot Scam: बोगस कंपनियों में जमा कराए थे 100 करोड़ रुपये, ED ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार

Bike Bot Scam उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में ईडी ने भी आरोपितों पर शिकंजा कसना शुरू किया है। ईडी ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में चार ठिकानों पर छापा मारा और एफ-7 ब्राॉडकास्ट के पूर्व निदेशक मनोज त्यागी को हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 12:15 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 07:46 AM (IST)
Bike Bot Scam: बोगस कंपनियों में जमा कराए थे 100 करोड़ रुपये, ED ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार
बाइक बोट घोटाले में ईओडब्ल्यू के बाद अब ईडी ने भी आरोपितों पर शिकंजा कसना शुरू किया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आरोपितों पर शिकंजा कसना शुरू किया है। ईडी ने बाइक बोट घोटाले में दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में रविवार देर रात चार ठिकानों पर छापा मारा और एफ-7 ब्राॉडकास्ट के पूर्व निदेशक मनोज त्यागी को हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया। 

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ईडी ने मनोज त्यागी को सोमवार को लखनऊ स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया और उसे तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की है। वह बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपित विजेंद्र ङ्क्षसह हूडा का बेहद करीबी रहा है और उससे विजेंद्र से जुड़े राज उगलवाए जा रहे हैं। ईडी ने आरोपित मनोज त्यागी के ठिकाने पर छापेमारी के दौरान 9.50 लाख रुपये, संपत्तियों से जुड़े कई दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद की हैं। मनोज से पूछताछ में निवेशकों के करीब 100 करोड़ रुपये बोगस कंपनियों में ट्रांसफर कराने की बात सामने आई है।

ईडी, लखनऊ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह के निर्देश पर दिल्ली व गाजियाबाद स्थित दो कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपित बसपा नेता संजय भाटी ने पूछताछ में मनोज त्यागी की भूमिका की जानकारी दी थी और धोखाधड़ी में उसकी संलिप्तता बताई थी। ईडी ने छानबीन के बाद मनोज त्यागी के हापुड़ स्थित आवास के अलावा नोएडा में साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक और प्रमोटर अनिल कुमार साहा के आवास, कार्यालय व एफ-7 ब्राॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर में छापा मारा।

बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपित विजेंद्र सिंह हूडा ने मनोज त्यागी और अनिल कुमार साहा की कंपनियों के जरिये बाइक बोट के निवेशकों की रकम दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कराई थी। जांच में सामने आया है कि रकम को नॉन रियल एस्टेट कंपनियों में ट्रांसफर किया गया था। गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड व उससे जुड़ी कंपनियों से एफ-7 ब्राॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड में करीब 13.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। कई शैक्षणिक संस्थाओ व ट्रस्टों के जरिये करीब 2.63 करोड़ रुपये ट्रांसफर होने की बात भी सामने आई है। हालांकि ईडी की शुरुआती पूछताछ में मनोज त्यागी आरोपित विजेंद्र सिंह हूडा के बारे में जानकारी होने से इन्कार करता रहा। उससे कई बिंदुओं पर पूछताछ की जा रही है।

यह है मामला : गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी ने बाइक टैक्सी चलवाने की आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर निवेशकों से निवेश कराया था और बाद में उनकी रकम हड़प ली थी। निवेशकों ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के संचालक बसपा नेता संजय भाटी समेत अन्य के विरुद्ध गौतमबुद्धनगर में 57 मुकदमे दर्ज कराए थे। शासन ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। करीब एक साल पहले ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी। ओला व उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर करीब 1.75 लाख निवेशकों से 300 करोड़ से अधिक रकम हड़पे जाने की बात सामने आई थी। घोटाले में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, हरियाणा व मध्य प्रदेश के निवेशकों की भी रकम डूबी थी।

दो अन्य ठिकानों पर भी छापा : ईडी ने इसके अलावा निवेशकों को फ्लैट का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये की जालसाजी के मामले में आम्रापाली ग्रुप के चीफ फाइनेंस आफीसर (सीएफओ) चंद्र प्रकाश वाधवा को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की है। चंद्र प्रकाश वाधवा से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर गाजियाबाद व दिल्ली में दो ठिकानों पर छापेमारी भी की गई। यह छापे दिल्ली स्थित जौरॉल इंफ्राटेक व गाजियाबाद स्थित भागीरथी टयूब्स के ठिकानों पर मारे गए थे।


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