बड़ा सवाल, आखिर कौन लाया था विधान भवन में PETN
सबसे बड़ा सवाल अब यह कि अति सुरक्षित माने जाने वाले विधान भवन में यह विस्फोटक विधान भवन में रामगोविंद चौधरी की सीट के नीचे पहुंचा कैसे।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की सीट के नीचे मिला सफेद पाउडर बेहद ही खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन है। इसका प्रयोग खुंखार आतंकी करते हैं। सबसे बड़ा सवाल अब यह कि अति सुरक्षित माने जाने वाले विधान भवन में यह विस्फोटक विधान भवन में रामगोविंद चौधरी की सीट के नीचे पहुंचा कैसे।
सदन में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा बरामद विस्फोटक की मात्र करीब 150 ग्राम थी, लेकिन यह कितना खतरनाक है इसका अनदजा इसी से लगाया जा सकता है कि 500 ग्राम पीईटीएन से पूरी विधानसभा उड़ सकती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आतंकी साजिश है और बेहद गंभीर प्रकरण है। सवाल यह उठता है कि आखिर इसे लेकर आया कौन। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरे विधानसभा भवन को उड़ाने के लिए 500 ग्राम पीईटीएन पर्याप्त है। अब तो यह पता करना है कि कौन लोग इसको लेकर आए हैं। यह अब सूबे का सबसे बड़ा सवाल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को विशेषाधिकार दिया गया है, तो उसका ऐसा इस्तेमाल होगा। यह तो बहुत बुरी स्थिति है। हम तो अब तक बाहर की सुरक्षा के लिए चिंतित थे। इस दौरान कल को जो सामने चीजें सामने आईं, वो गंभीर हैं।
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मेरा आग्रह है कि जो इस विधानभवन में लगे कर्मचारियों का वैरिफिकेशन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां हम प्रदेश के 22 करोड़ जनता की सुरक्षा को लेकर चर्चा करते हैं, लेकिन दुखद है कि आज हम खुद की सुरक्षा पर बहस कर रहे हैं।
देखें तस्वीरें: लखनऊ में विधान भवन की सुरक्षा को दी गई मजबूती
सीएम योगी ने कहा कि अब सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बननी चाहिए. हम एयरपोर्ट में सुरक्षा जांच से नहीं कतराते फिर यहां पर क्यों नहीं। एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि यह एक आतंकी साजिश हो सकती है। इस सुरक्षा व्यवस्था का पालन सभी को करना होगा।
भारत में पीईटीएन का कब व कहां प्रयोग
7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट में पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया था ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे और 76 लोग घायल हुए थे। बीते वर्ष वाराणसी में हुए सीरियल विस्फोट में भी पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया था।