Move to Jagran APP

लखनऊ में जेलकर्मियों की बड़ी लापरवाही, एक दिन पहले छूटा घुसपैठिया; एटीएस की मंशा पर फ‍िरा पानी

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मूलरूप से बांग्लादेश के दक्षिण लामचौर का निवासी जहीर खान अवैध ढंग से घुसपैठ कर भारत में आया था और फर्जी दस्तावेजों की मदद से पहचान बदलकर रह रहा था। उसने भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 08:04 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 08:04 PM (IST)
लखनऊ में जेलकर्मियों की बड़ी लापरवाही, एक दिन पहले छूटा घुसपैठिया; एटीएस की मंशा पर फ‍िरा पानी
एटीएस ने पहली बार एक बांग्लादेशी नागरिक को किया डिपोर्ट।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में घुसपैठियों के विरुद्ध अभियान के तहत की जा रही कार्रवाई को लखनऊ के जेलकर्मियों की लापरवाही से बड़ा झटका भी लगा है। जेलकर्मियों ने बांग्लादेशी घुसपैठिये यूसुफ को एक दिन पूर्व ही रिहा कर दिया, जिससे वह एटीएस के हाथ से बचकर निकल गया। अब उसकी तलाश की जा रही है। इस मामले को लेकर जेलकर्मियों की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही एटीएस ने पहली बार एक बांग्लादेशी घुसपैठिये को वापस उसके देश भेजने (डिपोर्ट) में सफलता भी हासिल की है।

loksabha election banner

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मूलरूप से बांग्लादेश के दक्षिण लामचौर का निवासी जहीर खान अवैध ढंग से घुसपैठ कर भारत में आया था और फर्जी दस्तावेजों की मदद से पहचान बदलकर रह रहा था। उसने भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था। इस मामले में एटीएस ने वर्ष 2017 में एफआइआर दर्ज की थी, जिसमें वांछित चल रहे आरोपित जहीर को वर्ष जनवरी, 2018 में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ स्थित कोर्ट ने 31 मार्च, 2021 को जहीर को चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। जहीर के 24 दिसंबर, 2021 को लखनऊ जिला जेल से छूटने के बाद उसे डिपोर्ट करने की कार्रवाई शुरू की गई थी।

एटीएस ने जहीर को बीएसएफ की 31वीं बटालियन को सौंपा था, जिसे शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचा दिया गया। इसी मामले में आरोपित बांग्लादेश के नागरिक यूसुफ अली उर्फ नजरुल को भी डिपोर्ट किया जाना था, लेकिन लखनऊ जिला जेल के अधिकारियों व कर्मियों की गलती से ऐसा नहीं किया जा सका। यूसुफ जिला कारागार लखनऊ से 19 दिसंबर, 2021 को रिहा होना था, लेकिन जेल कर्मियों ने उसे 18 दिसंबर, 2021 को ही छोड़ दिया था। इसके चलते उसे एटीएस के हवाले नहीं किया जा सका था। बाद में जब एटीएस को इसकी जानकारी हुई, तब जेलकर्मियों की शिकायत की गई। एटीएस ने डीजीपी मुख्यालय को पत्र लिखकर दोषी जेलकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की थी।

एटीएस को दें सूचना : एडीजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि यूसुफ के बारे में कोई भी सूचना एटीएस कंट्रोल रूम के नंबर 9792103156 पर अथवा ईमेल controlroom.ats-up@gov.in पर दी जा सकती है। सूचना देने वाली की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जायेगी।

देवबंद में ठिकाना बनाये था जहीर : एटीएस ने दो जनवरी, 2018 को गाजियाबाद व सहारनपुर से फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों के पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को पकड़ा था। इनमें बांग्लादेश का मूल निवासी यूसुफ अली, देवबंद (सहारनपुर) निवासी अहसान अहमद व वसीम अहमद शामिल थे। तीनों से पूछताछ के आधार पर ही एटीएस ने कोलकाता से देवबंद के पते पर फर्जी पासपोर्ट बनवाने के आरोपित बांग्लादेशी नागरिक जहीर को भी गिरफ्तार किया गया था। आरोपित जहीर के पास बांग्लादेश में बना पासपोर्ट भी था और वह करीब एक वर्ष से देवबंद में अपना ठिकाना बनाये था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.