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यूपी में निराश्रित गोवंशीय पशुओं को नया ठिकाना देने के लिए बड़ी पहल, चारे और पानी का भी होगा प्रबंध

UP Latest News मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों पशुपालन विभाग का प्रजेंटेशन देखते हुए आदेश दिया था कि सभी 826 विकासखंडों में 30 से 50 एकड़ में पशुओं के लिए आश्रय स्थल खोला जाए। पशुपालन विभाग अब इसे धरातल पर उतारने के लिए जुट गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 06:36 PM (IST)
यूपी में निराश्रित गोवंशीय पशुओं को नया ठिकाना देने के लिए बड़ी पहल, चारे और पानी का भी होगा प्रबंध
UP Latest News: अस्थायी 5401 आश्रय स्थलों में संरक्षित पशुओं को मिलेगा बड़ा ठिकाना।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश भर में संचालित 5401 अस्थायी आश्रय स्थलों पर संरक्षित निराश्रित पशुओं को नया ठौर मिलने जा रहा है। निराश्रित गोवंशीय अब बड़े आश्रय स्थलों पर रह सकेंगे, वहां पशु आसानी से विचरण करेंगे साथ ही चारा-पानी का भी बेहतर प्रबंध रहेगा। हर विकासखंड में बड़ा पशु आश्रय स्थल खोलने के लिए जमीन की खोज शुरू हो गई है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों पशुपालन विभाग का प्रजेंटेशन देखते हुए आदेश दिया था कि सभी 826 विकासखंडों में 30 से 50 एकड़ में पशुओं के लिए आश्रय स्थल खोला जाए। छोटे-छोटे आश्रय स्थल खोले जाने से वहां पशुओं के लिए सुविधाएं मुहैया कराने के साथ उनका पर्यवेक्षण करना भी चुनौतीपूर्ण रहा है। बड़े आश्रय स्थल खोले जाने से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी आसानी होगी।

पशुपालन विभाग इसे धरातल पर उतारने के लिए जुट गया है। सभी जिलों में गोवंशीय आश्रय स्थल बनाने के लिए जमीन खोजी जा रही है। कहा जा रहा है कि 100 एकड़ या उससे अधिक भूभाग पर भी आश्रय स्थल शुरू हो सकेंगे। इस कार्य से शहर से गांव तक जिन जमीनों पर अवैध कब्जे हैं, उन्हें भी कब्जा मुक्त किया जा सकेगा। पशुपालन विभाग के अनुसार सूबे में 5401 अस्थायी आश्रय स्थल संचालित हैं। बड़े आश्रय स्थल तैयार होने पर वहां अस्थायी आश्रय स्थलों के पशुओं को भी संरक्षित किया जाएगा।

निदेशक पशुपालन डा. इंद्रमणि ने बताया कि प्रदेश में 303 वृहद गो आश्रय स्थलों का निर्माण हो रहा है, जबकि 218 वृहद गो आश्रय स्थल संचालित हैं। निर्माण में एक करोड़ 20 लाख रुपये प्रति आश्रय स्थल खर्च हो रहे हैं। इसी तरह से 198 कान्हा गोशाला और 405 कांजी हाउस में पशुओं को संरक्षित किया जा रहा है। इनमें आठ लाख 51 हजार 687 गोवंशीयों को संरक्षित किया गया है, जबकि एक लाख 34 हजार 579 पशुओं को सुपुर्दगी में दिया गया है।


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