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Big Initiative: अस्पताल के डेथ सर्टिफिकेट या फिर अंत्येष्टि स्थल की पर्ची से भी मिलेगा बीमा क्लेम, प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं

आपदा के दौर में बीमा कंपनियों ने सख्त नियमों में बदलाव कर बीमाधारकों को बड़ी राहत दी। अब कोरोना य किसी भी दशा में हुई आकस्मिक मौत पर बीमा क्लेम के लिए रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र विभाग/ अधिकृत कार्यालय के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 02:58 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 07:44 AM (IST)
Big Initiative: अस्पताल के डेथ सर्टिफिकेट या फिर अंत्येष्टि स्थल की पर्ची से भी मिलेगा बीमा क्लेम, प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं
बीमा कंपनियों ने अपने सख्त नियमों में बदलाव कर बीमाधारकों को बड़ी राहत दी

लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बाद देश में खराब हो गए हालात के बीच में बीमा कंपनियों ने बेहद संवेदनशील कदम उठाया है। कोरोना वायरस संक्रमण से किसी की भी मौत के बाद उनके परिवार को क्लेम प्राप्त करने के लिए कागज एकत्र करने के लिए अधिक दौड़-भाग नहीं करनी पड़ेगी। सिर्फ अस्पताल के डेथ सर्टिफिकेट या फिर अंत्येष्टि स्थल की पर्ची से भी बीमा का क्लेम मिल जाएगा।

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आपदा के दौर में बीमा कंपनियों ने अपने सख्त नियमों में बदलाव कर बीमाधारकों को बड़ी राहत दी है। अब कोरोना य किसी भी दशा में हुई आकस्मिक मौत पर बीमा क्लेम के लिए रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र विभाग/ अधिकृत कार्यालय की ओर से जारी होने वाले प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सरकारी, ईएसआई, सैनिक व कॉरपोरेट अस्पताल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र भी स्वीकार्य दस्तावेज होगा। जिससे कि इस बड़ी मुसीबत के समय बीमाधारक के परिवारीजनों को बीमा राशि क्लेम करने में असुविधा न हो । इसकी शुरुआत भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने की है।

भारतीय जीवन बीमा निगम ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान प्रभावित परिवारों के लिए बेहद संवेदनशील कदम आगे बढ़ाया है। अब किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके घर के लोगों को क्लेम लेने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। इसका लाभ उनको केवल अस्पताल और श्मशान घाट की पर्ची से ही मिल जाएगा। यानी अस्पताल से मिला डेथ सर्टिफिटकेट या फिर अंत्येष्टि स्थल से मिली पर्ची को दिखाकर ही क्लेम लिया जा सकेगा।

बीमा कंपनियों ने हालात को देखते हुए अब अस्तपाल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र य शमशान घाट की ओर से जारी होने वाले प्रमाणपत्र मात्र से बीमा क्लेम देने का निर्णय लिया है, ताकि आपदा की इस घड़ी में बीमाधारक को क्लेम के लिए बीमा संस्थान व एजेंट का चक्कर न काटना पड़े। इसकी पहल भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने कर दी है। कंपनी ने अब बीमा क्लेम के लिए पूर्व में रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र की ओर से जारी प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही बीमा क्लेम की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। एलआइसी की ओर से इस शुरुआत को एक राहत भरा कदम माना जा रहा है।

आसान व त्वरित क्लेम सेटलमेंट

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने बीमा कंपनियों को आसान व त्वरित क्लेम सेटलमेंट की दिशा में सोचने को मजबूर कर दिया। इसी क्रम में एलआइसी ने बीमा धारकों को राहत देने की कड़ी में बड़ी सहूलियत का रास्ता निकाला। एलआइसी ने म्युनिसिपल अथॉरिटी की ओर से जारी होने वाले मृत्यु प्रमाण पत्र के स्थान पर सरकारी, इएसआइ, सैन्य अस्पताल व कॉरपोरेट अस्पताल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र को भी बीमा क्लेम के लिए मान्य घोषित कर दिया। इन प्रमाण पत्रों के साथ दाह संस्कार/ दफनाने वाले संबंधित प्राधिकर्ता का प्रमाण पत्र/ पहचान रसीद भी प्रस्तुत करनी होगी।

एलआइसी पॉलिसीधारक के साथ

लखनऊ में एलआइसी के वरिष्ठ डिविजनल मैनेजर एमसी जोशी ने बताया कि एलआईसी आपदा की घड़ी में अपने पॉलिसी धारक के साथ खड़ा है। कोरोना पीड़ित परिवार को तत्काल राहत मिल सके, इस बात को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब सरकारी, इएसआई, सैन्य व कॉरपोरेट अस्पताल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर भी बीमा क्लेम हासिल किया जा सकता है। इसके साथ में श्मशान घाट की ओर से मिलने वाली पर्ची (रिकॉर्ड दस्तावेज) भी देना होगा।

अंत्येष्टि स्थल पर मिली पर्ची मान्य

अंत्येष्टि स्थल पर मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार पर नगर निगम या नगर पालिका अथवा संस्था से एक रसीद दी जाती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति की मृत्यु का कारण लिखा जाता है। इस रसीद को अस्पताल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ भी बीमा क्लेम के लिए लगाना होगा।

परेशानी के समय में बड़ी सहूलियत

लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), संजय भटनागर ने कहा कि यह एक बहुत अच्छी व्यवस्था है इससे परेशानी के समय पर सहूलियत रहेगी। इसके अलावा बीमा सेटलमेंट के लिहाज से भी यह व्यवस्था काफी कारगर कही जा सकती है।


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