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नजदीक आई अयोध्या आतंकी हमले पर बड़े फैसले की घड़ी

आतंक पर फिर बड़े फैसले की घड़ी आ गई है। अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि परिसर में 11 साल पहले हुए आतंकी हमले में 21 मार्च को फैसला सुनाया जा सकता है। इस हमले के पांच आरोपी आतंकी इलाहाबाद के केंद्रीय कारागार नैनी में हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2016 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 20 Mar 2016 07:17 PM (IST)
नजदीक आई अयोध्या आतंकी हमले पर बड़े फैसले की घड़ी

लखनऊ। आतंक पर फिर बड़े फैसले की घड़ी आ गई है। अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि परिसर में 11 साल पहले हुए आतंकी हमले में 21 मार्च को फैसला सुनाया जा सकता है। इस हमले के पांच आरोपी आतंकी इलाहाबाद के केंद्रीय कारागार नैनी में हैं। अभियोजन को बड़े फैसले की उम्मीद है। पांच जुलाई 2005 की सुबह सवा नौ बजे के आसपास आतंकियों ने रामजन्म भूमि परिसर में धमाका किया था। करीब डेढ़ घंटे तक चली मुठभेड़ में पांच आंतकवादी मार गिराए गए थे। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। हमले में रमेश कुमार पांडेय व शांती देवी दो निर्दोष को जान गंवानी पड़ी। दारोगा नंद किशोर, हेड कांस्टेबल सुल्तान सिंह, धर्मवीर सिंह पीएसी सिपाही हिमांशु यादव, किशन स्वरूप उर्फ कृष्ण स्वरूप, प्रेम चंद्र गर्ग व सहायक कमांडेंट संतो देवी घायल हुए थे। पुलिस की तफ्तीश में असलहों की सप्लाई करने और आतंकियों के मददगार के रूप में आसिफ इकबाल, मो.नसीम, मो.अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें फैजाबाद जेल से इलाहाबाद में नैनी स्थित सेंट्रल जेल भेज दिया गया। सुरक्षा कारणों से जेल में ही विशेष न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई की। कुल 51 गवाहों ने गवाही दी। अब 21 मार्च को फैसले की तारीख है।

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विध्वंस का बदला था मकसद

अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस का बदला लेना हमले का मकसद था। थाना रामजन्मभूमि परिसर में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार हमलावर दो सम्प्रदायों के बीच शत्रुता बढ़ाकर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। हैंड ग्रेनेड, एके 47, राकेट लांचर से लैस होकर उन्होंने हमला बोला था। पहले हमलावरों ने वह मार्शल जीप ब्लास्ट कर उड़ा दी थी, जिससे वह आए थे।

जम्मू में षडयंत्र, दिल्ली में पनाह

हमले से पहले आतंकियों ने जम्मू में आसिफ इकबाल के घर पर साजिश रची था। मार्शल जीप में बक्सा बनवाकर हथियार रखे गए। मार्शल चलाकर आसिफ दिल्ली के संगम बिहार में डॉ. इरफान के क्लीनिक पर पहुंचा। अरशद नाम का आतंकी और उसका छोटा भाई अमीन उर्फ इमीन भी यहां आया-जाया करता था। यहीं पर इरफान आतंकियों को रामजन्म भूमि के बारे में लोकेशन देता था। अलीगढ़ में भी हथियार छिपाया था।

इन आतंकियों को होनी सजा

  • आसिफ इकबाल उर्फ फारुख निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
  • मो.नसीम निवासी डेरा मेंडर थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
  • मो.अजीज निवासी पाटीदार, थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
  • शकील अहमद निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ, जम्मू।
  • डॉ. इरफान निवासी शेख जादगानान कस्बा थाना तीतरो, सहारनपुर, यूपी।

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