बीएचयू बवाल पर कमिश्नर की रिपोर्ट पेश, अब मजिस्ट्रेटी और अधिकारिक जांच
वाराणसी मंडलायुक्त ने बीएचयू बवाल की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। आज मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है। अब सरकार बीएचयू बवाल की आधिकारिक जांच कराएगी।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश सरकार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बवाल की आधिकारिक जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। फिलहाल वाराणसी के मंडलायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जानी है। आज वाराणसी के एडीएम प्रशासन मुनींद्र उपाध्याय ने मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी है। भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर गंभीर हैं। पूरे प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई जरूर होगी। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अधिकारिक जांच कराने को कहा है। उनके मुताबिक जो लोग छात्रों के कंधों पर बंदूक रखकर चला रहे हैं उनकी जांच होगी। कोई दोषी बचेगा नहीं। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों पर निशाना साधा और कहा कि शिक्षा के मंदिर को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे।
रिपोर्ट के परीक्षण के बाद कार्रवाई
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार का कहना है कि मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट मिल गई है। सचिव मणिप्रसाद मिश्रा जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। ध्यान रहे, बीएचयू में छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर हंगामा बढ़ता चला गया था। विपक्ष ने भी पूरे मामले को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला बोला है। जबकि सरकार भी वहां के आंदोलन के लिए विपक्ष को ही जिम्मेदार ठहरा रही है। संकेत मिले हैं कि मंडलाुयक्त ने अपनी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। अगर शासन के परीक्षण में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होना तय है।
कठघरे में बीएचयू, मजिस्ट्रेटी जांच शुरू
बीएचयू बवाल पर कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में सीधे तौर पर बवाल बढऩे का जिम्मेदार बीएचयू प्रशासन को पाया गया है। समय रहते सक्रिय न होने के लिए पुलिस व स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। मजिस्ट्रेट जांच आज एडीएम प्रशासन मुनींद्र उपाध्याय शुरू कर दी है। तीन अक्टूबर तक मजिस्ट्रेट जांच में बयान दर्ज कराए जा सकते हैं। विदित हो कि 21 सितंबर की शाम बीएचयू परिसर में फाइन आट्र्स छात्रा से छेड़खानी के बाद छात्राएं 22 सितंबर की सुबह मुख्यद्वार पर धरने पर बैठ गईं थी। बवाल के चलते दशहरा का अवकाश निर्धारित समय पूर्व ही घोषित कर दिए जाने से कई हॉस्टलों में छात्र-छात्राओं की संख्या नहीं के बराबर रह गई है।
छात्रों ने सिर मुड़ाकर जताया विरोध
छात्रा के साथ छेड़खानी व लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को बिड़ला छात्रावास के छात्रों ने सिर मुड़वा लिया। उनकी मांग है कि कुलपति को लंबी छुट्टी पर भेजने की जगह हटा दिया जाए। परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। लंका पुलिस की ओर से 1200 छात्रों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच को दी गई है।
सुरक्षाकर्मियों ने वर्दी उतारी
बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों द्वारा खाकी वर्दी पहनने पर एसएसपी आरके भारद्वाज ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सोमवार को नोटिस भेजा था। मंगलवार शाम पांच बजे तक बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों को खाकी से तौबा करने को कहा गया था। वर्दी का रंग न बदलने पर गिरफ्तारी की बात कही गई थी। नतीजा यह हुआ कि नियत समय से पूर्व सुरक्षाकर्मी सिविल ड्रेस में हो गए।
कमेटी करेगी बीएचयू की घटना की जांच
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने मथुरा में उप्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुविज्ञान विश्वविद्यालय एवं गोअनुसंधान संस्थान में कहा कि बीएचयू घटना की कमेटी बनाकर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि बनारस में प्रधानमंत्री को भी छात्र रोकना चाहते थे लेकिन उन्हें रास्ता बदलकर जाना पड़ा।