अारएसएस समागम में भागवत बोले, गांवों के विकास से ही देश का विकास
राष्ट्र निर्माण के लिए गांवों का सशक्त होना जरूरी है। गांवों के विकास से ही देश का विकास होगा। ऐसे में संघ कार्यकर्ता गांवों में प्रवास कर वहां की उन्नति में सहायक की भूमिका निभाएं।
वाराणसी (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत सात दिवसीय प्रवास के तहत गुरुवार दोपहर बाद काशी पहुंचे। पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल में बने अस्थाई संघ मुख्यालय में उन्होंने वरिष्ठ स्वयंसेवकों के साथ ध्वज प्रणाम के बाद अपेक्षित व वर्तमान उपस्थिति की संख्या जानी। संघ सूत्रों के मुताबिक इस दौरान भागवत ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए गांवों का सशक्त होना जरूरी है। गांवों के विकास से ही देश का विकास होगा। ऐसे में संघ कार्यकर्ता गांवों में प्रवास कर वहां की उन्नति में सहायक की भूमिका निभाएं। प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा काशी, अवध, गोरक्ष व कानपुर प्रांत के प्रमुखों से भी वहां के संघ परिवार से आने वालों के बारे में जानकारी ली।
भागवत आधिकारिक तौर पर शुक्रवार की सुबह नौ बजे से 20 फरवरी तक संघ प्रमुख अखिल भारतीय, प्रांत व संघ के विभिन्न प्रकल्पों के साथ सीधे मुखातिब होंगे। संपूर्ण भारत को संघ द्वारा 11 क्षेत्रों में विभक्त किया गया है। वार्षिक प्रवास योजना के तहत हर वर्ष संघ के बड़े पदाधिकारियों द्वारा आरएसएस के कार्य की प्रगति के साथ भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा की जाती है। इसी कड़ी में इस बार पूर्वी उत्तर प्रदेश में संघ प्रमुख का दौरा हो रहा है।
सात दिनों तक सरसंघचालक के साथ आठ केंद्रीय अधिकारी, क्षेत्र के 33 कार्यकर्ता और चारों प्रांत के 49 राजकीय जिलों (उप्र) एवं संघ रचना के 88 जिलों के 1270 कार्यकर्ता शामिल होंगे। हालांकि रात तक अखिल भारतीय स्तर के अनिल ओक व रामाशीष ही आ सके थे। उम्मीद है कि देर रात व शुक्रवार की सुबह तक अन्य बड़े पदाधिकारी भी काशी में डेरा डाल देंगे। गुरुवार की शाम बड़ालालपुर स्थित हस्तकला संकुल में भागवत ने संघ के क्षेत्रीय प्रचारक शिवनारायण, काशी प्रांत के प्रांत प्रमुख अनिल व सह प्रांत प्रमुख मनोज से प्रस्तावित विभिन्न सत्रों के बारे में जरूरी जानकारी लेने के साथ ही महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
शाह के साथ योगी भी आएंगे
संघ समागम में आरएसएस के जन संगठन में भाजपा, एबीवीपी, भारतीय मजदूर संघ, विहिप, भारतीय किसान संघ व विद्या भारती के वरिष्ठ पदाधिकारियों से अलग-अलग दिनों में संघ प्रमुख रूबरू होंगे। सूत्रों का कहना है कि 20 फरवरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी रूबरू होंगे। कुल मिलाकर सात दिनों में ग्राम विकास, कुटुम्ब प्रबोधन, गोरक्षा एवं सामाजिक समरसता के क्षेत्र में कार्यरत कार्यकर्ता व विचार परिवार के कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैठकों के सभी संगठनात्मक की कार्ययोजना एवं मूल्यांकन तथा संगठनात्मक कार्यों के विस्तार व सामाजिक सरोकार से जुड़े होंगे।
सात दिनों का कार्यक्रम
-16 को संघ के जिला व विभाग स्तर से ऊपर के अधिकारियों के साथ बैठक।
-17 को अनुषांगिक संगठनों व समस्त पदाधिकारियों संग बैठक।
-18 को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संघ कार्यकर्ताओं को भागवत का संबोधन।
-19, 20 व 21 को भी बैठकों का दौर।
-21 को संघ प्रमुख की रवानगी।
21 हजार गणवेशधारी को बौद्धिक
संघ प्रमुख द्वारा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 18 फरवरी को 21 हजार गणवेशधारी स्वयंसेवकों को बौद्धिक अर्थात संबोधित किया जाएगा। संघ प्रमुख के काशी प्रवास के दौरान यह सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा।
कांग्रेस ने जताया विरोध
उधर, आरएसएस के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। गुरुवार को डीएम को दिए पत्रक में कांग्रेसजन ने कहा कि पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल हस्तकला को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित है लेकिन, इसका इस तरह प्रयोग तत्काल बंद होना चाहिए।