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अब एक शिफ्ट में हो सकती B.Ed प्रवेश परीक्षा, 180 प्रश्नों का होगा एक प्रश्नपत्र

लविवि कुलपति ने शासन को भेजा प्रस्ताव। 180 प्रश्नों का एक प्रश्नपत्र बनाने का सुझाव, कम होगा खर्च।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 07:15 AM (IST)
अब एक शिफ्ट में हो सकती B.Ed प्रवेश परीक्षा, 180 प्रश्नों का होगा एक प्रश्नपत्र
अब एक शिफ्ट में हो सकती B.Ed प्रवेश परीक्षा, 180 प्रश्नों का होगा एक प्रश्नपत्र

लखनऊ(जेएनएन)। बीएड अभ्यर्थियों को दो पालियों की प्रवेश परीक्षा से छुटकारा मिल सकता है। यही नहीं भविष्य में एक पेपर ही होगा, जिसमें प्रश्नों की संख्या भी कम होगी। लविवि प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। साथ ही प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव को लेकर सुझाव भी दिए हैं।

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 कुलपति प्रो. एसपी सिंह के मुताबिक लविवि चार वर्षों से राज्य में बीएड प्रवेश परीक्षा करा रहा है। इसमें दो पालियों में पेपर कराया जाता है। तीन-तीन घंटे के होने वाले दोनों पेपर में सौ-सौ अंक होते हैं। कुल मिलाकर एक प्रवेश परीक्षा में छह घंटे का समय लग रहा है। ऐसे में अब वर्ष 2019-2020 में बीएड प्रवेश परीक्षा नए पैटर्न पर कराने का विचार किया जा रहा है। लिहाजा, प्रवेश परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। अनुमति मिलने पर नए शैक्षणिक सत्र में एक शिफ्ट में परीक्षा कराने संबंधी सिस्टम लागू होगा।

एक प्रश्नपत्र में होंगे 180 प्रश्न

कुलपति प्रो. एसपी सिंह के मुताबिक  नीट और जेईई एडवांस में पेपर मल्टीपल सब्जेक्ट बेस्ड होने के बाद भी एक ही शिफ्ट में होते हैं। वहीं बीएड में सौ-सौ सवालों के दो-दो शिफ्ट में पेपर होते हैं। ऐसे में अब सिर्फ तीन घंटे का एक पेपर कराने की योजना है। इसमें चार खंड में 45-45 प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए अभ्यर्थियों को तीन घंटे का समय दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को एक सवाल हल करने के लिए एक मिनट का समय मिलेगा। 

स्टाफ ड्यूटी का बढ़ जाता खर्च  

कुलपति प्रो. एसपी सिंह के मुताबिक बीएड में प्रवेश के लिए आवेदन का ग्राफ गिर रहा है। कॉलेजों में उपलब्ध सीटों के सापेक्ष आवेदन नहीं आते हैं। यही नहीं कई अभ्यर्थी एक पाली में शामिल होने के बाद दूसरे में परीक्षा छोड़ देते हैं। नियमानुसार एक पाली में शामिल होने वाले अभ्यर्थी का परिणाम भी नहीं जारी हो पाता है। साथ ही दो पाली में स्टाफ की ड्यूटी का खर्चा अतिरिक्त बढ़ जाता है। एक शिफ्ट में परीक्षा कराने पर खर्च भी कम होगा।


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