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प्राइवेट जॉब हो या सरकारी… महिलाओं से न करवाया जाए ओवरटाइम, कोलकाता की घटना से योगी सरकार सख्त

कोलकाता की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार सख्त हो गई। शासन ने सभी सरकारी और निजी संस्थानों में महिला कर्मियों से तय समय से ज्यादा काम न लेने निर्देश दिया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह ने सभी मंडलायुक्त पुलिस आयुक्त डीएम एसएसपी-एसपी सीएमओ सभी विभाग व कार्यालय अध्यक्ष को निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 23 Aug 2024 04:02 AM (IST)
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महिलाओं से तय समय से ज्यादा न लिया जाए काम, घर भी छोड़ेगी पुलिस।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोलकाता के सरकारी अस्पताल में दुस्साहसिक वारदात के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। 

कार्यस्थल व सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के सुरक्षा प्रबंधों को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी सरकारी और निजी संस्थानों में महिला कर्मियों से तय समय से ज्यादा काम न लेने व रात में जरूरत पड़ने पर पुलिस वाहन (पीआरवी) से घर पहुंचाने की व्यवस्था का भी निर्देश दिया गया है। 

नियमित सुरक्षा आडिट पर जोर

रात में आवागमन के दौरान उनके सुरक्षा प्रबंधों व कार्यस्थल के नियमित सुरक्षा आडिट पर जोर दिया गया है। महिलाओं के लिए कार्यस्थल में अलग व सुरक्षित विश्राम कक्ष व प्रसाधन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम-2013 के तहत एक आंतरिक शिकायत समिति के गठन व अन्य निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

समय से अधिक ड्यूटी न ली जाए

अपर मुख्य सचिव, गृह दीपक कुमार ने विभिन्न कार्यालयों, प्रतिष्ठानों व स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के लिए विस्तृत निर्देश जारी किया है। कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न व हिंसा रोकने के लिए सुनिश्चित किया जाए कि इन्हें निर्धारित समय से अधिक ड्यूटी न करनी पड़े। 

सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र दिए जाएं

नियोक्ता उनके लिए विश्वसनीय व निगरानी वाली परिवहन सेवा की व्यवस्था करें, जिससे महिलाएं बिना डर के कार्यस्थल पर आ-जा सकें। कार्यस्थल परिसर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम व सुरक्षाकर्मियों की तैनाती अवश्य हो। संस्थान के सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र दिए जाएं। 

आपातकालीन नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो व चौबीस घंटे एक नामित अधिकारी उपलब्ध रहे। आगंतुकों का ब्योरा रजिस्टर पर जरूर दर्ज किया जाए। नियमित सुरक्षा आडिट कराए जाने का निर्देश भी दिया गया है। स्वास्थ्य संस्थानों में महिला व अन्य कर्मियों से हिंसा व बदसलूकी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। 

पुलिस को ये भी निर्देश

पुलिस को रात में कॉल सेंटर, स्वास्थ्य संस्थानों, कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, माल, सिनेमा घर, होटल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा की थानावार सूची बनाकर सुरक्षा प्रबंध कराने का निर्देश दिया गया है। इन स्थलों के मार्गों पर संवेदनशील स्थान चिह्नित कर वहां यूपी 112 की पीआरवी तैनात कराने को कहा गया है। 

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