संभलें... अब भी काबू में आ सकता है कोरोना, जानिए किन बातों का रखें ख्याल
दीपावली व छठ पूजा के बाद कोरोना संक्रमण ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। यह कतई अप्रत्याशित नहीं था। विशेषज्ञों ने इसका अंदेशा पहले ही जताया था। इसे लेकर सचेत किया गया था कि हमें किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं बरतनी है।
लखनऊ, जेएनएन। दीपावली व छठ पूजा के बाद कोरोना संक्रमण ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। यह कतई अप्रत्याशित नहीं था। विशेषज्ञों ने इसका अंदेशा पहले ही जताया था। यही नहीं, इस बात के लिए भी सचेत किया गया था कि हमें किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं बरतनी है। लेकिन कुछ लोगों ने अनुपालन नहीं किया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। बेकाबू होते हालात के चलते कई जगह रात में लॉकडाउन तक लगाना पड़ा है।
हालांकि चिकित्सकों का मानना है कि कोरोना संक्रमण पर अब भी काबू पाया जा सकता है। जरूरत इस बात की है कि हमें उसी तरीके के एहतियात बरतने होंगे जो पिछले कई महीनों से हम बरतते आ रहे हैं।किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के संक्रामक रोग अस्पताल के प्रभारी व चिकित्सा अधीक्षक डॉ.डी. हिमांशु कहते हैं कि दीपावली व छठ पर्व के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि संक्रमण में इजाफा हो सकता है वजह यह थी कि पर्व के दौरान लोग जहां कुछ भी बेफिक्र दिखाई दिए वहीं मिलना जुलना भी बढ़ा। ऐसे में कोरोना संक्रमण का बढ़ना तय था। डॉ हिमांशु कहते हैं कि अब भी यदि लोग सचेत हो जाएं तो हम कुछ दिनों के भीतर संक्रमण पर काबू पा सकते हैं।वह कहते हैं कि वैक्सीन आने में अभी पांच-छह महीने का वक्त लग सकता है। ऐसे में मास्क, हैंड हाइजीन और शारीरिक दूरी ही वैक्सीन का विकल्प हैं जिनके इस्तेमाल के साथ हम पहले भी संक्रमण पर काबू पा चुके हैं। इसलिए हमें इनका सख्ती के साथ अनुपालन करना होगा। यह कतई मुश्किल भी नहीं है।
लोहिया संस्थान डॉ.विक्रम सिंह कहते हैं कि हमारी लापरवाही ने संक्रमण को रफ्तार दी है। आपसी मेलजोल बढ़ गया है। वहीं कोरोना संक्रमण को लेकर जो भय था वह भी खत्म हो गया है। नतीजा यह है कि बीते कई महीनों से हम जो सावधानी बरत रहे थे वह भी छोड़ दी हैं। लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे और ना ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। मौसम भी संक्रमण बढ़ाने में योगदान दे रहा है। गर्मियों में जो वायरस वातावरण में तीन-चार दिन रहता था जाड़े में सात-आठ दिन तक संक्रमित करने में सक्षम है। साफ है कि खतरा और बढ़ गया है। इसलिए जरूरी है कि जिस तरीके की सावधानी हम भी बीते महीनों में बरती फिलहाल उसे ही लागू रखा जाए। ऐसा करके हम एक बार फिर संक्रमण पर लगाम लगा सकते हैं।