गन्ना मूल्य मसला निपटे बिना निजी मिलें पेराई को तैयार नहीं
लखनऊ(जागरण ब्यूरो)। गन्ने को लेकर सरकार की चौतरफा घेराबंदी तेज हो गई है। मिल बंद पड़ी
लखनऊ। गन्ने को लेकर सरकार की चौतरफा घेराबंदी तेज है। मिल बंद देख आक्रोशित किसान सड़कों पर हैं। निजी मिल मालिक गन्ना मूल्य मसला सुलझने तक मिलें चलाने को कतई तैयार नहीं हैं। विपक्षी दल सरकार के खिलाफ कमर कसे खड़े हैं। यहां तक कि एक दर्जन सपा जिलाध्यक्षों ने भी मिलों में शीघ्र पेराई शुरू कराने की पैरोकारी की है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामवचन सिंह ने भी मिल मालिकों पर सख्ती करने की मांग की। इस सबके बीच मुख्यमंत्री ने गन्ना आयुक्त से सभी चीनी मिल प्रबंधकों को निर्धारित तारीख 20 से 30 नवंबर तक पेराई कार्य सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश चीनी मिल्स एसोसिएशन के सचिन दीपक गुप्ता का कहना है कि चीनी के दाम बाजार में इतने कम हैं कि मिलों को पिछले पेराई सत्र में करीब चार हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा। बैंकों ने मिलों को ऋण सुविधा रोक दी। इन हालात में 225 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक गन्ना दाम देना संभव नहीं होगा। समर्थन मूल्य का मुद्दा सुलझाए बगैर मिलें चलाना संभव नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक गन्ना समर्थन मूल्य निर्धारण पर आठ नवंबर की बैठक में फैसला न हो पाने के बाद अब 12 नवंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी। प्रमुख सचिव राहुल भटनागर ने कहा कि सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलें 15-16 नवंबर से शुरू हो जाएगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर