Basic Education: योगी आदित्यनाथ सरकार के रडार पर फर्जी शैक्षणिक रिकार्ड वाले टीचर, सीधा बर्खास्तगी
Basic Education प्रदेश में फर्जी दस्तावेज लगाकर 20 वर्ष के लम्बे समय से नौकरी कर रहे टीचर अब बेहाल हैं। फिलहाल सभी के प्रमाणपत्र की जांच हो रही है।
लखनऊ, जेएनएन। अनामिका शुक्ला के शैक्षणिक दस्तावेजों की मदद से प्रदेश के 25 जिलों में नौकरी करने वाले अब योगी आदित्यनाथ सरकार के रडार पर हैं। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद एसटीएफ अब इनके मामले की तह तक जा रही है। लम्बे समय से फर्जीवाड़ा करने वाले सभी शिक्षकों की सेवा समाप्त हो रही है।
प्रदेश में फर्जी दस्तावेज लगाकर 20 वर्ष के लम्बे समय से नौकरी कर रहे टीचर अब बेहाल हैं। फिलहाल सभी के प्रमाणपत्र की जांच हो रही है। इनकी जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स कर रही है। अब फर्जी कागज लगाने वाले सभी शिक्षकों की बर्खास्तगी की तैयारी है। इसके साथ ही दो दर्जन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें पांच शिक्षक ऐसे हैं, जो फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे 20 वर्ष से सेवारत हैं। एसटीएफ ने संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से एफआईआर कराने को कहा गया है।
प्रदेश में अनामिका शुक्ला के नाम से दस्तावेज और मार्कशीट का इस्तेमाल कर एक साथ 25 स्कूलों में नौकरी किए जाने का मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स भी हरकत में आ गई है। एसटीएफ ऐसे 26 और शिक्षकों पर नजर रख रही है, जो जाली प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी कर रहे हैं। महाराजगंज और श्रावस्ती के चार-चार, बलरामपुर, देवरिया और सीतापुर के तीन-तीन और गोरखपुर के दो शिक्षक हैं।
एसटीएफ ने संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को रिपोर्ट भेज कर एफआईआर दर्ज कराने को कहा है। इनमें दस शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने अंक बढ़ाने के लिए प्रमाणपत्रों में हेरफेर किया। 13 शिक्षकों ने नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र और अन्य जिलों में तैनात शिक्षकों के प्रमाण पत्र जमा कराए हैं। ऐसे शिक्षकों की सूची में महाराजगंज जिले में 1995 से सेवारत एक शिक्षक और देवरिया में 1997 से कार्यरत एक शिक्षक का नाम सामने आ रहा है।
इनके अलावा भी पांच शिक्षक ऐसे हैं, जो फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे 20 वर्ष से सेवारत हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी ने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे 1700 से अधिक लोगों की सेवा समाप्त कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग में सभी सिस्टम में पारदर्शीता सुनिश्चित करने के लिए अब डिजिटल डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिससे कि फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ा जा सकेगा।