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बरियाम सिंह की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने सरकारी आवास पर दो दिन पूर्व जेल से रिहा बरियाम सिंह व अन्य लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया भी उनके साथ रहे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2016 09:19 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2016 09:35 PM (IST)
बरियाम सिंह की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात

लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने सरकारी आवास पर दो दिन पूर्व जेल से रिहा बरियाम सिंह व अन्य लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया भी उनके साथ रहे। उल्लेखनीय है कि टाडा के तहत २५ साल से सजा काट रहे सिख कैदी बरियाम सिंह को बरेली सेंट्रल जेल से दो दिन पहले रिहा कर दिया गया था। लंबे समय से पंजाब सरकार सेंट्रल जेल में बंद इस कैदी की रिहाई की मांग कर रही थी।

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ऐसे अन्य कैदियों की रिहाई का निर्देश

कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलकर सिख समाज ने आभार प्रकट किया। बरियाम सिंह की रिहाई के लिए विश्व भर के सिख समाज के लोग समय-समय पर केंद्र तथा राज्य सरकार से मांग करते रहे हैं। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ, इंग्लैण्ड, कनाडा, जर्मनी, आस्ट्रेलिया आदि देशों में बसे सिख संगठनों के लोगों ने भी इनकी रिहाई की पुरजोर मांग की थी। मुख्यमंत्री के पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर गए सिख प्रतिनिधि मंडल से मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक होने के साथ ही हरेक को इन्साफ दिलाने में पूरा भरोसा रखती है। मुख्यमंत्री ने ऐसे सभी बंदियों की रिहाई के लिए प्रक्रिया शुरू करने के लिए कारागार मंत्री को निर्देश दिया है।

छलक पड़े थे बरियाम के आंसू

सहारनपुर में जन्मे बरियाम सिंह उन १३ सिख कैदियों में से एक हैं, जिनकी रिहाई की मांग पंजाब सरकार काफी समय से कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार भी बरियाम सिंह की रिहाई की सिफारिश कर चुकी थी। कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने बरेली के सेंट्रल जेल पहुंचकर बरियाम सिंह से मुलाकात करके पूरी दास्तान सुनी थी। गृह मंत्रालय ने भी १२ अक्टूबर को सिख कैदी के अच्छे बर्ताव को देखते हुए रिहाई की इजाजत दी थी। गृह मंत्रालय के फरमान के बाद १७ दिसंबर को बरियाम सिंह को पेरोल पर रिहा किया गया था। बरियाम सिंह करीब ११ सालों से बरेली में बंद थे। बरियाम की रिहाई हुई तो पच्चीस साल अलग रहने वाले परिवार की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। शाहजहांपुर के गांव बरीबरा निवासी बरियाम सिंह पुत्र आत्मा सिंह को १९९० में पुलिस ने टाडा एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

जमीन गिरवी रख दी

शाहजहांपुर में बरियाम सिंह की साढ़े चार एकड़ जमीन गिरवी रख दी गई थी। इतना ही नहीं बरियाम सिंह की पत्नी सुरेंद्र कौर गुरुद्वारे में सेवा करने लगी। उस समय बरियाम सिंह का बड़ा पुत्र जगदीश सिंह छह वर्ष का था और छोटा बेटा तीन वर्ष का। बरियाम सिंह के दोनों बेटे अब जवान हो चुके हैं। बड़ा बेटा जगदीश सिंह पीलीभीत के बीसलपुर तहसील के खनंका गुरुद्वारा में सेवादार बन गया और छोटा बेटा जसविंदर सिंह पंजाब प्रांत के जालंधर स्थित गुरुद्वारा में सेवादार है। मां छोटे बेटे के साथ गुरुद्वारा में ही सेवा करती है और कभी कभार अपने गांव आती है।

कर रहे थे खालिस्तान की मांग

देश से अलग खालिस्तान की मांग करने वालों में एक बरियाम सिंह भी थे। ९० के दशक में बरियाम सिंह को टाडा एक्ट में जेल में डाल दिया गया था। जेल जाने के पांच साल बाद बरियाम सिंह को टाडा अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।


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