बरेली की नई जिला जेल होगी केंद्रीय कारागार, महिला सिद्धदोष बंदियों को मिलेगी बड़ी सहूलियत
महिला बंदियों को अब तक लखनऊ स्थित नारी बंदी निकेतन में निरुद्ध किए जाने की व्यवस्था है। अब महिला सिद्धदोष बंदियों को बरेली महिला केंद्रीय कारागार में भी निरुद्ध किया जा सकेगा।
लखनऊ, जेएनएन। कारागार मुख्यालय के प्रस्ताव पर यूपी कैबिनेट ने बुधवार को बरेली में बनी नई जिला जेल को केंद्रीय कारगार (द्वितीय) का दर्ज दिए जाने के साथ ही यहां प्रदेश की दूसरी महिला केंद्रीय कारागार बनाए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इसके साथ ही बरेली की पुरानी जिला जेल का जीर्णोद्धार कर उसे जिला कारागार के रूप में संचालित रखा जाएगा।
महिला सिद्धदोष बंदियों को अब तक लखनऊ स्थित नारी बंदी निकेतन में निरुद्ध किए जाने की व्यवस्था है। अब महिला सिद्धदोष बंदियों को बरेली महिला केंद्रीय कारागार में भी निरुद्ध किया जा सकेगा। इससे आसपास के जिलों की महिला सिद्धदोष बंदियों को बड़ी राहत मिलेगी। जल्द ही अन्य रेंज में भी महिला सिद्धदोष बंदियों के लिए केंद्रीय कारागार बनाए जाने पर भी विचार चल रहा है। वहीं बरेली में अब दो केंद्रीय कारागार होंगे।
जेलों में सिद्धदोष व विचाराधीन बंदियों का अलग-अलग निरुद्ध किए जाने की व्यवस्था है। जेल मैनुअल के अनुसार सात साल अथवा उससे अधिक सजा पाए बंदियों को आगरा, नैनी, वाराणसी, बरेली व फतेहगढ़ स्थित पांच केंद्रीय कारागारों में निरुद्ध किए जाने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद करीब एक लाख बंदियों में 25948 पुरुष सिद्धदोष बंदी हैं, जिनमें 21500 सिद्धदोष बंदी सात साल या उससे अधिक के कारावास से दंडित हैं। पांच केंद्रीय कारागारों में कुल 7869 की क्षमता है, जिसमें 12000 से अधिक पुरुष बंदी निरुद्ध हैं।
महिला सिद्धदोष बंदियों के लिए लखनऊ स्थित नारी बंदी निकेतन है, जिसकी क्षमता 400 है और यहां 1200 सिद्धदोष बंदी निरुद्ध हैं। डीजी जेल आनन्द कुमार ने इन स्थितियों के दृष्टिगत छह जनवरी को पत्र लिखा था। बताया था कि बरेली में जनवरी 2017 में 3558 क्षमता की नई जिला जेल खुली थी। 1221 बंदी क्षमता वाली पुरानी जिला जेल बरेली करीब 85 एकड़ क्षेत्रफल में है, जो खाली पड़ी है।
डीजी जेल ने सिफारिश की थी कि पुरानी जिला जेल बरेली का जीर्णोद्धार कर व उसकी क्षमता को बढ़ाकर पहली की तरह प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके साथ ही नई जेल को केंद्रीय कारगार द्वितीय तथा महिला केंद्रीय कारागार बनाए जाने की सिफारिश भी की थी, जिस पर कैबिनेट की बैठक ने मुहर लगा दी। बरेली की इस नई सेंट्रल जेल में 3438 पुरुष व 120 महिला सिद्धदोष बंदियों को रखे जाने की क्षमता होगी।