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Flood in UP: श्रावस्‍ती में आई बाढ़ में तीन दिन गांव में फंसी रही बरात, नाला तैरकर घर लौटे बराती

गांधी गांव निवासी अर्जुन प्रसाद यादव बताते हैं कि केन नाले पर पुल न होने से बाढ़ हर साल मुसीबत बनती है। नाला भर जाने के बाद 10 से 15 दिनों तक कोई गांव से बाहर नहीं निकल पाता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 07:07 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 04:20 PM (IST)
Flood in UP: श्रावस्‍ती में आई बाढ़ में तीन दिन गांव में फंसी रही बरात, नाला तैरकर घर लौटे बराती
बाढ़ के चलते बनी समस्या, ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित वापस हुई बरात।

श्रावस्ती, जेएनएन। सिरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत गांधी के धोबियनपुरवा में बरात लेकर पहुंचा दूल्हा बाढ़ के चलते बराती समेत गांव में ही फंस गया। आवागमन का कोई रास्ता न होने से तीन दिन तक गांव में ही बरात रुकी रही। शुक्रवार को ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे किसी तरह बरातियों को नाला पार कराया। तब जाकर बरात वापस लौटी। हरिहरपुररानी ब्लॉक के असईपुरवा गांव निवासी रामअधार अपने पुत्र चैतू की बरात लेकर 15 जून को सिरसिया ब्लॉक क्षेत्र के धोबियनपुरवा गांव गए थे। रात में विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसी दौरान झमाझम बारिश के चलते पहाड़ी नालों में पानी आ जाने से बाढ़ की स्थिति बन गई।

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धोबियनपुरवा गांव के पास स्थित केन नाला बाढ़ के पानी से लबालब भर गया। इससे बरात के वापस लौटने का रास्ता बंद हो गया। तीन दिन तक बरात गांव में ही टिकी रही। ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों ने इनके ठहरने व भोजन का प्रबंध किया। शुक्रवार को गांव के लोगों ने बरात में आए बच्चों को कंधे पर बिठाकर तैर कर नाला पार कराया। अन्य बरातियों को रस्सी के सहारे नाला पार कराया गया। यह मामला क्षेत्र में चर्चा में रहा।

हर साल मुसीबत बनती है बाढ़

गांधी गांव निवासी अर्जुन प्रसाद यादव बताते हैं कि केन नाले पर पुल न होने से बाढ़ हर साल मुसीबत बनती है। नाला भर जाने के बाद 10 से 15 दिनों तक कोई गांव से बाहर नहीं निकल पाता है। इस दौरान किसी की मौत हो तो बिना कफन के ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। उदयराज कहते हैं कि पुल की कमी से समस्या बनी है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। ग्राम प्रधान रामगोपाल यादव ने बताया कि नाला भर जाने से रास्ता बंद हो गया था। तीन दिन तक गांव में बरात रुकी थी। ग्रामीणों के सहयोग से किसी तरह बरातियों को नाला पार कराया गया। सभी सुरक्षित घर लौट गए हैं। 


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