वृंदावन में बांकेबिहारी ने खेली भक्तों संग होरी, मारी भर भर पिचकारी
मंदिर के जगमोहन में धवल श्वेत पोशाक, कमर में रंग भरी पोटली और हाथ में चांदी की पिचकारी लिए बांकेबिहारी ने दर्शन दिए तो भक्त भी निहाल हो गए।
वृंदावन (जेएनएन)। 'देखौ श्याम होरी में भीजौ सब अंग मेरौ, कैसी यह होरी की उचंग मतवारी है। नैनन अबीर डारौ, हीय मारी पिचकारी, रंगयौ मेरौ अंग अंग, फार दई सारी है। या होरी के हुरंगा पै दुनिया बलिहारी है। इन पंक्तियों की गूंज के साथ रंगभरनी एकादशी की शाम ठा. बांकेबिहारी मंदिर में होली का हुड़दंग शुरू हुआ। मंदिर के जगमोहन में धवल श्वेत पोशाक, कमर में रंग भरी पोटली और हाथ में चांदी की पिचकारी लिए बांकेबिहारी ने दर्शन दिए तो भक्त भी निहाल हो गए। फाग के अल्हड़पन में मदमस्त भक्त भगवान के रंग में सराबोर हो गए।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में सोमवार को रंगों के त्योहार का अलग ही उल्लास रहा। सेवायतों के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं के स्वर मिल गए तो पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। फूलों और रंगों की होली में ठाकुरजी की पिचकारी से निकली फुहार श्रद्धालुओं पर बरसने लगी। भजन-कीर्तन चलते रहे। बड़ी संख्या में विदेशी सैलानियों ने भी इसका आनंद लिया। वहीं रंगभरनी एकादशी पर पंचकोसीय परिक्रमा में भी सुबह से ही जमकर अबीर-गुलाल उड़ा। भोर की पहली किरण से पूर्व ही परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं का रेला शुरू हुआ तो सूरज अस्त होने के बाद तक जारी रहा।
रसिया गाते हुए टोलियां होली की उमंग में मदमस्त नजर आईं। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लीला मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही शाम को लठामार होली आरंभ हुई। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने नगाड़ा बजाकर होली महोत्सव का शुभारंभ किया। रावल गांव के हुरियारों और हुरियारिनों ने अबीर-गुलाल के साथ इत्र की फुहारों के बीच होली खेली।