बैंक मैनेजर ने ऐसा क्या कर दिया जो पांच साल की मिली सजा? 50000 का लगा जुर्माना
लखनऊ में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक रामस्वरूप मिश्र को रिश्वतखोरी के मामले में पांच साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। उन पर कामधेनु योजना के तहत लोन स्वीकृत करने के बाद खाते से रोक हटाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप था, जिसके चलते सीबीआई ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

विधि संवाददाता, लखनऊ। रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए गए बैंक आफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक रामस्वरूप मिश्र को सीबीआइ मामलों के विशेष न्यायाधीश ने पांच वर्ष के कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
इस मामले में सीबीआइ ने शिकायतकर्ता के आधार पर सात मार्च 2017 को रिपोर्ट दर्ज की थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि शिकायतकर्ता को कामधेनु योजना के अंतर्गत बैंक आफ बड़ौदा की अंबेडकर नगर के बसखारी शाखा से 20.25 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया गया था।
लोन स्वीकृत होने के बाद शिकायतकर्ता के खाते में आंशिक रूप से लोन की धनराशि जमा की गई। जिसके बाद उसके खाते पर रोक लगा दी गई। शिकायतकर्ता इस संबंध में आरोपी शाखा प्रबंधक से मिला, जिस पर आरोपी शाखा प्रबंधक ने शिकायतकर्ता के खाते से रोक हटाने के नाम पर 30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। सीबीआइ द्वारा आरोपी को चेक के माध्यम से रिश्वत के 25 हजार लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

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