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लखनऊ एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट के साथ बांग्लादेशी चढ़ा हत्थे, ऐसे हुई पहचान Lucknow News

बांग्लादेश के रजबा सरदार ने सत्यजीत दास के नाम से बनवाया था पासपोर्ट। 2010 में अवैध ढंग से सीमा पार कर आया था पश्चिम बंगाल शारजाह से जा रहा था कोलकाता।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 07:16 AM (IST)
लखनऊ एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट के साथ बांग्लादेशी चढ़ा हत्थे, ऐसे हुई पहचान Lucknow News
लखनऊ एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट के साथ बांग्लादेशी चढ़ा हत्थे, ऐसे हुई पहचान Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। पश्चिम बंगाल में बने फर्जी पासपोर्ट से एक बांग्लादेशी भारत से कुवैत और फिर शारजाह पहुंच गया। शारजाह से जब वह शनिवार सुबह कोलकाता जाने के क्रम में लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमान से उतरा तो यहां ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को उसका पासपोर्ट देखकर शक हुआ। पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह बांग्लादेशी है। इसके बाद उसे सरोजनीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया, जहां खुफिया विभाग की टीमें उससे पूछताछ कर रही हैं। 

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इंडिगो एयरलाइन का विमान 6ई-1412 शनिवार सुबह 9:13 बजे शारजाह से लखनऊ आया था। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन इस विमान से आए यात्रियों के दस्तावेजों की जांच कर रहा था। इस दौरान काउंटर नंबर छह पर एक यात्री के पासपोर्ट पर अधिकारियों को शक हुआ। पासपोर्ट सत्यजीत दास के नाम से बनाया गया था, जिस पर पता पश्चिम बंगाल के 24 परगना के पुरबापल्ली गांव का दर्ज था। पासपोर्ट पर कोलकाता से 11 नवंबर 2013 को जारी करने की मुहर और जानकारी अंकित थी, लेकिन बारकोड में अंतर पाए जाने पर इमिग्रेशन ब्यूरो ने पासपोर्ट धारक से पूछताछ शुरू कर दी। इस पर उसने बताया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है। उसका सही नाम रजबा सरदार है और वह बांग्लादेश के मदारीपुर स्थित न्यू टाउन का निवासी है। वह दिसंबर 2010 में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित पुटकली गांव के रास्ते एक एजेंट की मदद से भारत आया था। इसके बाद पश्चिम बंगाल के 24 परगना के पुरबापल्ली गांव में तीन साल तक रहा। इस दौरान उसने बेलधारिया के जोरासाको मार्केट की एक कपड़े की दुकान पर 2013 तक काम किया। 

19 हजार में बना फर्जी पासपोर्ट

24 परगना में रहते हुए बांग्लादेशी ने  बेलधारिया में ही दो एजेंटों बॉबी और रमजान कालू को 19 हजार रुपये देकर भारतीय वोटर कार्ड और पासपोर्ट हासिल किया। इसी पासपोर्ट से वह 2014 में कुवैत चला गया और 2017  उसने दुबई में नौकरी शुरू की। 


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