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Barabanki News: किसानों से पांच रुपये किलो में खरीदा जा रहा केला, बाजार में ब‍िक रहा 50 रुपये दर्जन

Banana Farming in Barabanki बाराबंकी में सात से आठ सौ हेक्टेयर में केला की खेती की जा रही है। यहां प्रति हेक्टेयर करीब चार से पांच सौ क्विंटल केले का उत्‍पादन होता था लेकिन इस बार कम बारिश से उत्पादन घट गया है।

By shri kant tiwariEdited By: Anurag GuptaPublished: Tue, 27 Sep 2022 05:24 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 05:24 PM (IST)
Barabanki News: किसानों से पांच रुपये किलो में खरीदा जा रहा केला, बाजार में ब‍िक रहा 50 रुपये दर्जन
Banana Farming in Barabanki: मंडी व्यवस्था न होने के कारण बिचौलियों की बल्ले-बल्ले।

बाराबंकी, [श्रीकांत तिवारी]। अगर किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल जाए तो काफी हद तक उनकी परेशानी दूर हो सकती है, लेकिन हो इसका उलटा रहा है। किसानों की फसल खेत से निकलते ही महंगी हो जाती है और इसका फायदा उठा रहे हैं बिचौलिए। पहले सूखे की मार से उत्पादन घाटा तो अब बारिश ने पौधों को नुकसान पहुंचाया। अब जब केले की फसल तैयार है तो खरीदार नहीं मिल रहे हैं। जो मिल रहे हैं, वह पांच रुपये किलो केला खरीद रहे हैं। वहीं, किसानों से पांच रुपये क‍िलो खरीदा गया केला बाजार में 50 से 60 रुपये दर्जन में बिक रहा है।

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कम बार‍िश से उत्‍पादन घटना

जिले में लगभग सात से आठ सौ हेक्टेयर में केला की खेती होती है। प्रति हेक्टेयर केला का उत्पादन करीब चार से पांच सौ क्विंटल होता था, लेकिन इस बार जुलाई, अगस्त में कम बारिश से उत्पादन घटा है। लगभग तीन सौ से साढ़े तीन सौ क्विंटल उत्पादन हुआ है। सूखे से फसल प्रभावित हुई तो अब बारिश से केले के पेड़ गिर रहे हैं। किसानों के खेतों से व्यापारी पांच रुपये किलो में खरीद रहे हैं। यदि किसी किसान ने दस रुपये प्रति किलो का भाव कर दिया तो व्यापारी संगठन बनाकर उससे खरीद नहीं करते, जबकि किसानों से खरीदा गया केला बाजार में 50 से 60 रुपये दर्जन में बिक रहा है।

बिचौलियों पर नहीं है प्रतिबंध

बनीकोडर के नारायणपुर, बड़ेला, काशीपुर, अंगदपुर, दिलोना के गांव में सैकड़ों हेक्टेयर केले की खेती की गई है। बढ़ती महंगाई ने केले में डालने वाली खाद, दवा, जोताई के रेट भी बढ़ा दिए हैं। बड़ेला के दिनेश सिंह ने बताया कि 10 बीघे केला लगाया था, किंतु बारिश में लगभग पांच सौ से अधिक पेड़ गिर गए हैं। बाकी बची फसल खड़ी हुई। लगभग दो सौ क्विंटल फल लगा हुआ है, किंतु कोई खरीदार नहीं है। जो आते भी हैं, वे पांच सौ रुपये क्विंटल की मांग करते हैं।

नारायणपुर के किसान बृजेश शुक्ला ने बताया कि मंडी व्यवस्था न होने के कारण बिचौलियों की बल्ले-बल्ले है। किसान परेशान है, लागत भी निकालना भी मुश्किल है। उपजिलाधिकारी विजय कुमार त्रिवेदी ने बताया कि फसल का मुआवजा मिलता है। सर्वे कराया जा रहा है।

क‍िसान प्रदर्शनी में उठाई गई थी समस्‍या

इस बार किसानों को केला में भाव अच्छा नहीं मिल रहा है। यह बात लखनऊ के किसान प्रदर्शनी में उठी थी। किसानों की समस्याओं को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। -महेश कुमार श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी, बाराबंकी।


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