देश के 112 आकांक्षात्मक जिलों में बलरामपुर पहले स्थान पर, शीर्ष दस में उत्तर प्रदेश के हैं पांच जनपद
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आकांक्षात्मक विकासखंडों की सतत निगरानी और वास्तविक स्थिति के सटीक आकलन के लिए आइआइटी कानपुर और आइआइएम लखनऊ के विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाए। राज्य सरकार के प्राविधिक एवं तकनीकी विश्वविद्यालयों व संस्थानों के छात्रों को भी इससे जोड़ा जाना चाहिए।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। नीति आयोग द्वारा देशभर में चिन्हित आकांक्षात्मक 112 जिलों में विकास के मानकों पर उत्तर प्रदेश खरा उतरने में सबसे आगे है। रीयल टाइम मानीटरिंग डैशबोर्ड चैंपियन आफ चेंज की रैकिंग में बलरामपुर का पहला स्थान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि शीर्ष दस जिलों की सूची में पांच यूपी के हैं। उन्होंने विकास के संकेतकों में बीसी सखी, ग्राम सचिवालय और अमृत सरोवरों को भी शामिल करने का निर्देश दिया है।
आकांक्षात्मक जिलों में प्रदेश से बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती, कुल आठ जिले शामिल हैं। इनकी समीक्षा मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित बैठक में की। उन्होंने कहा कि आठों जिलों में विकास के सभी मानकों पर सराहनीय काम किया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी रियल टाइम मानीटरिंग डैशबोर्ड (चैंपियन आफ चेंज) रैंकिंग में इन जिलों ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों की नवीनतम सूची में प्रदेश के पांच जिले शीर्ष 10 में शामिल हैं।
इनमें बलरामपुर पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे पर सिद्धार्थनगर, चौथे पर सोनभद्र, पांचवें पर चंदौली और आठवें पर फतेहपुर रहा है। योगी ने निर्देशित किया कि तय विकास मानकों के संबंध में अद्यतन स्थिति का सतत आकलन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि डेटा सटीक, त्रुटिरहित और सही स्थिति को परिलक्षित करे। साथ ही डेटा की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी या संस्थाओं का सहयोग लेने पर भी विचार करें। विकास संकेतकों में बीसी सखी, ग्राम सचिवालय, अमृत सरोवर जैसे प्रयासों को भी शामिल किया जाए।
100 आकांक्षात्मक विकासखंडों में तैनात करें तेज अफसर : सीएम ने कहा कि आकांक्षात्मक जिलों की तर्ज पर ही 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों का चयन कर इनके सामाजिक, आर्थिक सुधार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना के विविध मानकों पर इन आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के लिए प्रयास हों। मार्च, 2022 को बेसलाइन मानते हुए चयनित संकेतकों पर विकासखंड वार अद्यतन सूचना वर्तमान माह के अंत तक एकत्रित कर ली जाए। इसके बाद हर माह की 15 तारीख तक संबंधित जिलों द्वारा प्रगति विवरण फीड किया जाए। इसकी पुष्टि संबंधित विभागों से भी कराई जाए।
उन्होंने कहा कि आकांक्षात्मक विकासखंडों में तैनात होने वाले खंड विकास अधिकारी को किसी और ब्लाक का अतिरिक्त प्रभार न दें। इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत युवा, ऊर्जावान और अच्छे दृष्टिकोण वाले अधिकारियों की तैनाती करें। संबंधित एसडीएम को इस विकासखंड का नोडल अधिकारी नामित करें। यह नोडल अधिकारी विकास कार्यों, डेटा की शुचिता व वास्तविकता के प्रति जवाबदेह होंगे।