Move to Jagran APP

UP: माफ‍िया मुख्‍तार के बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी न‍िखत के मददगार सपा नेता और ड्राइवर की जमानत अर्जी खारिज

चित्रकूट जेल प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने विधायक अब्बास अंसारी को जेल में सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में सुनवाई की। मुख्‍तार के बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी न‍िखत के मददगार सपा नेता और ड्राइवर की जमानत अर्जी खारिज भी खार‍िज कर दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Sun, 19 Mar 2023 10:35 AM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 10:35 AM (IST)
UP: माफ‍िया मुख्‍तार के बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी न‍िखत के मददगार सपा नेता और ड्राइवर की जमानत अर्जी खारिज
न‍िखत के मददगार सपा नेता और ड्राइवर की जमानत अर्जी खारिज

लखनऊ, जागरण संवाददाता। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो के मददगार सपा नेता फराज और ड्राइवर नियाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी। दोनों पर अब्बास अंसारी की पत्नी निखत को मदद पहुंचाने का आरोप है। वहीं, निखत पर जेल में पति अब्बास को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रलोभन देने का आरोप है। दोनों अभियुक्तों ने न्यायालय में अर्जी देकर जमानत की मांग की थी।

loksabha election banner

फराज की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। इस अर्जी का सरकारी वकील कृष्ण कांत शुक्ला ने विरोध किया। कहा गया कि विवेचना में फराज का नाम प्रकाश में आया था। अब तक की विवेचना में फराज के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। आरोपित ने सह अभियुक्त निख्त बानो के करबी में रहने की व्यवस्था की थी।

मकान मालिक को अपने दबाव में लाकर अपने अनुसार मकान के ढ़ांचे में परिवर्तन कर उसकी चहारदीवारी को ऊंचा करवाया। इसके अतिरिक्त अभियुक्त के द्वारा वाहन की व्यवस्था भी कराई गई। फराज बिना किसी रोक टोक के निखत बानो के साथ जेल में आता जाता था। अभियुक्त को जमानत दी जाती है तो उसके फरार होने की प्रबल संभावना है।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रकरण गंभीर है। अभियुक्त को जमानत दी जाती है तो वह मामले से संबंधित साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। जमानत दिए जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। वहीं, नियाज की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया कि वह निर्दोष है और उसे गलत फंसाया गया है।

सरकारी वकील केके शुक्ला ने अर्जी का विरोध किया और कहा कि अभियुक्त ने निखत बानो का जेल के भीतर व बाहर आर्थिक सहयोग किया। षड़यंत्र में अभियुक्त की भूमिका है। अर्जी पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने नियाज की जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। 11 फरवरी, 2023 को इस मामले की एफआइआर चित्रकूट के थाना करवी कोतवाली नगर में दर्ज हुई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.