JEE मेन 2019 रिजल्ट: बहराइच के ओजस ने बढ़ाया मान, लखनऊ से यह भी रहे रेस में शामिल
देश के टॉप पांच आइआइटी संस्थान मेधावियों की प्राथमिकता। कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की सामने आई डिमांड।
लखनऊ, जेएनएन। आइआइटी, ट्रिपल आइटी समेत देश के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए आयोजित ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन 2019 का परिणाम शनिवार को घोषित कर दिया गया। बहराइच के ओजस श्रीवास्तव ने जेईई मेन की पहली बार हुई ऑनलाइन परीक्षा में 99.88 परसेंटाइल हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है।
राजधानी के मेधावी
- कनिष्क गांधी 99.84
- अर्थराज 99.82
- मधुर कुमार 99.75
- अक्षय मेहता 99.74
- प्रकर्ष यादव ने 99.73
- प्रशून बाजपेई 99.69
- आदित्य श्रीवास्तव 99.68
- क्षितिज तिवारी 99.68
- अभिनव अग्रवाल 99.67
- सृष्टि सिंह 99.65
- पंखुड़ी सक्सेना ने 99.63
- अक्षत बरनवाल ने 99.62
- अनन्या मोहित ने 99.59
- राहुल गोयल ने 99.54
सबकी चाहत टॉप फाइव इंस्टीट्यूट
अधिकांश मेधावियों ने देश के टॉप पांच आइआइटी संस्थानों में प्रवेश की इच्छा जाहिर की। कंप्यूटर साइंस से बीटेक सभी की पहली प्राथमिकता है। इस बार जेईई मेन का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एटीए) द्वारा कराया गया है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह जेईई मेन का पहला प्रयास है। अप्रैल में फिर से दूसरी परीक्षा होगी।
ऑफलाइन हों प्रतियोगी परीक्षाएं
आ जस कहते हैं कि किसी भी परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। वह टॉप पांच आइआइटी में से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने की इच्छा रखते हैं। अब उनका फोकस जेईई एडवांस पर है। वह रोजाना छह से सात घंटे पढ़ते हैं। ओजस का कहना है कि आज भी बड़ी संख्या में छात्र टेक्नोसेवी नहीं है, इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं को ऑफलाइन ही कराया जाना चाहिए। ओजस के पिता विनोद श्रीवास्तव सिविल कोर्ट में पेशकार और मां अर्चना श्रीवास्तव गृहणी हैं।
इंटरप्रेन्योर बन समाज को देनी है नई दिशा : कनिष्क गांधी
कनिष्क आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद जॉब न कर एक कामयाब इंटरप्रेन्योर बनने का सपना सजोए हैं। उन्हें एप डिजाइनिंग पसंद है। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के छात्र कनिष्क के पिता राकेश गांधी और मां सुषमा गांधी बीमा कंपनी में हैं। कनिष्क ने बताया कि फेसबुक व अन्य सोशल साइट्स में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
समय जाया करते हैं सोशल मीडिया : अर्थराज
अर्थराज आइआइटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। खेलों में अधिक रुचि होने के चलते वह गेम टेस्टिंग के क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहते हैं। उनका कहना है कि फेसबुक और वाट्सएप समय जाया करते हैं। सीएमएस कानपुर रोड के छात्र अर्थराज के हाईस्कूल में 99.2 प्रतिशत अंक रहे। उनके पिता संजय कुमार प्रजापति व्यवसायी और मां सुमन गृहणी हैं।
पढ़ाई के लिए फिक्स है रोजाना आठ घंटे: अक्षत मेहता
अक्षत मेहता अपनी इस सफलता का श्रेय रोजाना आठ घंटे की फिक्स पढ़ाई को देते हैं। वह कहते हैं पढ़ते वक्त कॉनसेप्ट क्लियर करते चलें। अक्षत शोध के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। उनके पिता डॉ. सुरेश मेहता शहर के लोकबंधु अस्पताल में चिकित्सक और मां रचना मेहता गृहणी हैं।
बेसिक कॉनसेप्ट हमेशा क्लियर रखें: प्रकर्ष यादव
प्रकर्ष यादव कहते हैं कि तैयारी के दौरान बेसिक कॉनसेप्ट क्लियर रखें। वह इंजीनियरिंग कर प्रोग्रामिंग क्षेत्र में जाना चाहते हैं। प्रकर्ष के हाईस्कूल में 97.4 अंक रहे। एमजी कॉवेंट स्कूल आशियाना के छात्र प्रकर्ष के पिता रामनिवास अधिकारी और मां डीएवी पीजी कॉलेज में कमेस्ट्री विभागाध्यक्ष हैं।
जितनी देर मन करे, उतनी देर करें पढ़ाई पंखुड़ी सक्सेना
पंखुड़ी सक्सेना कहती हैं जितनी देर मन करे, उतनी देर ही पढ़ें। पंखुड़ी के हाईस्कूल में 97.2 अंक रहे। औरों की तरह पंखुड़ी की भी कंप्यूटर साइंस पहली पसंद है। वह अपने इंजीनियर नाना मुनीश्वर सहाय को अपना आदर्श मानती हैं। उनके पिता संदीप कुमार सक्सेना पीडब्ल्यूडी में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर और मां चारू बिसारिया एमिटी विश्वविद्यालय में प्रोफसर हैं।