Move to Jagran APP

इंवेस्टर्स समिट में शहर को था संवारा, पाच महीने में ही उतर गई सारी रंगत

लापरवाही: इंवेस्टर्स समिट के दौरान बनाई गई हरित पट्टी चर गए पशु तो चोरी हो गईं महंगी एलईडी लाइटें। सूख गए पौधे, उड़ने लगी धूल।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 04:03 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 04:05 PM (IST)
इंवेस्टर्स समिट में शहर को था संवारा, पाच महीने में ही उतर गई सारी रंगत
इंवेस्टर्स समिट में शहर को था संवारा, पाच महीने में ही उतर गई सारी रंगत

लखनऊ[अजय श्रीवास्तव]। 21-22 फरवरी को आयोजित हुई इंवेस्टर्स समिट के दौरान शहर को संवारा गया था। हर विभाग ने खजाने का मुंह खोल दिया था, लेकिन पाच माह में सारी रंगत उतरी नजर आ रही है। दरअसल, स्मार्ट सिटी की 28-29 जुलाई को आयोजित होने वाली कार्यशाला को लेकर शहर को इंवेस्टर्स समिट की तरह संवारने को कहा गया था, लेकिन जब समिट के दौरान कराए गए कायरें पर फिर से नजर डाली गई तो वहा रंगत पर पानी फिरा नजर आया।

loksabha election banner

हरित पट्टी के पौधों को जानवर चर गए तो महंगी लाइटों को चोर ले गए। कई महकमों ने अमौसी एयरपोर्ट से इंदिरा गाधी प्रतिष्ठान तक जगह-जगह हरित पट्टी तैयार की थी। गोमती नगर के पास शहीद पथ के नीचे भी हरित पट्टी बनाई गई थी, जिस पर करीब दस लाख का खर्च आया था। एलडीए का बोर्ड 'हरित पट्टी 2018' जगह-जगह लगाया गया था, लेकिन सुरक्षा के कोई इंतजाम न होने से हरियाली जैसा कुछ नहीं है। छह रुपये वर्ग फीट के हिसाब से घास लगाने का ठेका दिया गया था। रोपाई में खानापूरी होने से वह जगह-जगह गायब हो चुकी है। इसी तरह अमौसी एयरपोर्ट के पास सड़क किनारे लाइटें लगाई गई थी, जो चोर उखाड़कर ले गए। एक लाइट की कीमत 8520 रुपये थी। नगर निगम भी तहरीर देने की खानापूरी कर बैठ गया। अब एलईडी स्टिप लगाने में सावधानी :

नगर निगम इस बार एलईडी स्टिप लगवाने में सावधानी बरतने जा रहा है। इसके लिए टेंडर होगा। इंवेस्टर्स समिट के दौरान नगर निगम ने 2,557 पोलों पर एलईडी स्टिप बाजार कीमत से अधिक दाम पर किराये पर लगवाई थी। 38,355 मीटर एलईडी स्टिप के लिए 37,99,305 रुपये का भुगतान करने की तैयारी थी, जबकि खुले बाजार में एलईडी स्टिप 30 से 50 रुपये प्रति मीटर बिक रही है। इसे थोक में 40 रुपये मीटर पर खरीदा गया होता तो इसकी कीमत 15.34 लाख रुपये होती, लेकिन नगर निगम ने 99 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से यह लाइटें किराये पर लीं थी। एलईडी स्टिप पर करीब 38 लाख रुपये का खर्च दिखाया गया था।

ई-टेंडरिंग कराने के बजाय यह काम भी नियम विपरीत एक मात्रा फर्म खन्ना इलेक्टिकल्स को दिया था और फर्म को चार से पाच लाख के आठ अलग-अलग वर्क ऑर्डर जारी किए गए थे। दैनिक जागरण में इसका खुलासा होने के बाद विधान सभा में भी यह मामला उठा था और भुगतान रोकने के साथ ही जाच कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि एलईडी स्टिप का ठेका देने में इस बार पादर्शिता बरती जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.