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आजम खां ने तत्कालीन एमडी पर फोड़ा ठीकरा, कहा धोखे से कराये हस्ताक्षर

जल निगम में 1300 पदों पर भर्ती में धांधली के मामले में आजम खां एसआईटी के सामने पेश हुए। उन्होंने कहा सरकार कुछ करे या ना करे, कम से कम चोरों की फेहरिस्त में मेरा नाम तो आ गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 03:41 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 08:11 AM (IST)
आजम खां ने तत्कालीन एमडी पर फोड़ा ठीकरा, कहा धोखे से कराये हस्ताक्षर
आजम खां ने तत्कालीन एमडी पर फोड़ा ठीकरा, कहा धोखे से कराये हस्ताक्षर

लखनऊ (जेएनएन)। पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) के समक्ष जल निगम भर्ती की धांधली में पूर्व नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने सोमवार को अपनी सफाई दी और तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी पर ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि कोई भी मामला हमसे संबंधित नहीं है।

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समाजवादी सरकार में जल निगम में नियमों की अनदेखी कर 1300 लोगों की भर्ती की गई थी। इस मामले की एसआइटी जांच कर रही है। सोमवार को पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खां एसआइटी मुख्यालय अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे। जांच से जुड़े अहम बिंदुओं पर आजम से करीब दो घंटे तक अधिकारियों ने जवाब-तलब किया। अधिकारियों ने यह बयान लिखित रूप से भी दर्ज किया। सूत्रों के मुताबिक आजम का कहना था कि भर्तियों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। तत्कालीन एमडी ने धोखे से फाइलों पर दस्तखत करा लिये। 

पहले ही बुलावे पर पहुंच गए आजम 

शासन में यह शिकायत थी कि आजम खां के दबाव में जल निगम में नियमों की अनदेखी कर नौकरी दी गई। इसकी जांच एसआइटी को सौंपी गई। एसआइटी ने इस मामले में आजम से स्पष्टीकरण मांगा था।  इसके लिए 17 जनवरी को उनको नोटिस देकर सोमवार को मुख्यालय तलब किया। गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित एसआइटी मुख्यालय पर आजम दोपहर को अपने सहयोगियों के साथ पहुंचे। आजम पहले ही बुलावे में जांच एजेंसी के समक्ष पहुंंच गए। 

आजम और एसपी सिंह का आमना-सामना

एसआइटी ने आजम के करीबी माने जाने वाले पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह को भी तलब किया था। आजम से पहले ही एसपी सिंह एसआइटी मुख्यालय पहुंच गए थे। आजम और सिंह का आमना-सामना हुआ और एसआइटी के एसपी नागेश्वर सिंह, अपर पुलिस अधिकारी अमिता मिश्रा, जांच अधिकारी अटल विहारी और सुशील उपाध्याय ने दोनों से भर्तियों को लेकर शासन स्तर पर लिये गए फैसलों पर सवाल पूछे। आजम ने पूरी भर्ती प्रक्रिया से किनारा करते हुए मातहतों पर सारा ठीकरा फोड़ दिया। एसआइटी ने उनसे नगर विकास मंत्री और जल निगम अध्यक्ष रहते लिये गए फैसलों के बारे में भी जानकारी ली। 

जांच पूरी कर शासन को देंगे रिपोर्ट

एसपी नागेश्वर सिंह ने कहा कि बयान दर्ज किये जा रहे हैं। जांच पूरी कर शासन की उच्च स्तरीय कमेटी को रिपोर्ट दी जाऐगी। कमेटी ही इस संदर्भ में निर्णय लेगी। भर्ती में गड़बड़ी के लिये जो जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू करने की अनुमति मांगी जायेगी। भर्ती के लिये ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली संस्था अपटेक, परीक्षा समिति, इंटरव्यू बोर्ड क मेंबर्स और जल निगम के पूर्व चीफ इंजीनियर्स से पूछताछ कर सकती है। एसपी सिंह से अभी पूछताछ का सिलसिला जारी रह सकता है। जरूरत पड़ी तो ऑनलाइन डाटा की फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।

मेरा दामन साफ था, ऊपर कीचड़ उछाला गया : आजम

आजम खां करीब 12.30 बजे एसआइटी मुख्यालय पहुंचे तो उनके तेवर तीखे थे लेकिन, बाद में ठंडे पड़ गए। वह तंज करते हुए अफसरों से अपने अंदाज में बोले 'मैं चोर नहीं हूं, भाजपा सरकार के इशारे पर मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'मेरा दामन तो साफ था, लेकिन भाजपा सरकार ने मेरे ऊपर कीचड़ उछालने का काम किया है। हमने तो ठेला चलाने वालों, मजदूरों, टिनशेड में रहने वालों के स्नातक बच्चों को नौकरी दी। हिंदू-मुसलमान सबको भर्ती किया। मैं कभी झूठ नहीं बोलता। भर्तियां करना मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं था। मेरे दामन पर न कोई दाग था, न है। दावा किया कि भर्तियों में किसी ने रिश्वत नहीं ली। कहा, यह विभाग जाने कि कैसे नौकरियां दी गयीं।

सरकार 122 सहायक अभियंताओं को कर चुकी बर्खास्त

सपा सरकार में जल निगम में 1300 भर्तियों में गड़बड़ी हुई। इसमें सरकार 122 सहायक अभियंताओं को बर्खास्त कर चुकी है। इस मामले में एसआइटी ने 22 सितंबर को छापा मारा था और पांच दिसंबर को तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ की थी। जनवरी के दूसरे पखवारे में एसपी सिंह और आजम के ओएसडी रहे आफाक से पूछताछ हुई। अभी तक दस लोगों के बयान दर्ज किये जा चुके हैं।


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