आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़े में आधार से लिंक मोबाइल नंबर बदलने वालों की तलाश, UIDAI से मांगी गई जानकारी
लखनऊ में आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसमें 450 से अधिक फर्जी कार्ड बनाए गए। साचीज और पुलिस आधार से लिंक मोबाइल नंबर बदलने वालों की तलाश कर रही है और UIDAI से जानकारी मांगी गई है। बरेली के बेग अस्पताल का अनुबंध निलंबित कर दिया गया है और आयुष्मान मित्र की तलाश जारी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 450 से अधिक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) और पुलिस आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर बदलने वालों की तलाश कर रही है। इनसे संबंधित जानकारी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) से मांगी गई है।
वहीं, साचीज ने फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले बरेली के बेग अस्पताल के अनुबंध को निलंबित कर दिया गया है। फर्जी कार्ड बनाने वाले आयुष्मान मित्र की तलाश की जा रही है।
साचीज से मिली जानकारी के अनुसार, बेग अस्पताल में तैनात आयुष्मान मित्र की यूजर आइडी से 12 से अधिक कार्ड बनाए गए थे। इनमें से कई कार्ड धारकों ने अस्पताल में इलाज भी कराया था। प्रथम दृष्टया फर्जी कार्ड बनाने, फिर उसी अस्पताल में इलाज कराने और कार्ड बनाने वाले कर्मचारी के फरार होने को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ की गई थी।
संतोषजनक उत्तर न मिलने के कारण बेग अस्पताल के अनुबंध को निलंबित कर दिया है। आगे की कार्रवाई के लिए जांच की जा रही है। जिन पांच अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में संदिग्ध आचरण की नोटिस दी गई है, उनके जवाब मिल गए हैं।
इन पांच अस्पतालों की यूजर आइडी से भी लगभग 15 कार्ड बनाने की जानकारी मिली थी, लेकिन इलाज इन अस्पतालों में नहीं हुआ है। सबके जवाब का परीक्षण किया जा रहा है।
गौरतलब है कि फर्जी कार्ड बनाने के मामले में साचीज ने एक नवंबर को हजरतगंज थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसमें शिवम पाठक नाम के युवक का हवाला देते हुए जानकारी दी गई थी कि एक यूजर आइडी से अनाधिकृत तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
जांच में पता चला था कि यूजर आइडी सेफ-वे हेल्थ इंश्योरेंस टीपीए में अबुल कलाम नाम से पंजीकृत है। पूछताछ में सेफ-वे ने इस नाम के किसी व्यक्ति से संबंध न होने के बात कही है। साचीज के अनुसार अबुल कलाम के नाम से दर्ज यूजर आइडी के साथ ही अधिकारियों के नंबर बदलकर पोर्टल पर अनाधिकृत तरीके से लागइन करके आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे।
ये सभी मामले लगभग एक ही समय के पाए गए हैं। इसलिए माना जा रहा है कि शिवम पाठक द्वारा उपलब्ध कराई यूजर आइडी और पोर्टल पर लागइन करने वालों में आपस में संबंध है।
साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्चना वर्मा का कहना है कि हमारी टीम अस्पतालों की पहचान कर रही है और उन्हें नोटिस दे रही है। वहीं हजरतगंज पुलिस का कहना है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) से आधार से लिंक मोबाइल नंबर को बदलने वाले यूजर की जानकारी मांगी गई है। उसके बाद कुछ कहा जा सकेगा।

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