आयुष्मान से खुलेंगी हाथ-पैर की बंद नसें, शुरू होगी धमनी ग्राफ्टिंग Lucknow News
आयुष्मान योजना के 500 पैकेज के शुल्क बढ़ाने की तैयारी। आयुष्मान योजना से अब पेरीफेरल आर्टियल सर्जरी भी मुमकिन।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। अब तक की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान से अब हाथ-पैर की बंद नसें में भी खुलेंगी। वहीं, मरीज घुटने के पास ब्लॉक धमनी की ग्राफ्टिंग भी करा सकेंगे। इसके लिए 50 हजार रुपये तय किए गए हैं। साथ ही इलाज में अड़चन बने कम शुल्क के करीब 500 पैकेज की दरें भी बढऩे जा रही हैं।
प्रधानमंत्री आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के सोमवार को एक वर्ष पूरे हो गए। उधर, वर्षभर चली योजना पर दिल्ली में पिछले दिनों मंथन हुआ था। गवर्निंग बॉडी की बैठक में सभी प्रदेशों से आयुष्मान योजना के नोडल अफसर शामिल हुए। इसमें कई पैकेज में कम शुल्क से बीमारियों के इलाज में अड़चन का मसला भी उठा। इनके शुल्क सरकारी आयुर्विज्ञान संस्थान की दरों से भी कम थे। इसे देखते हुए ही वर्षभर बाद लगभग 500 के करीब पैकेज के शुल्क संशोधन पर फैसला हुआ। इसमें 130 पैकेज के शुल्क बढ़ोतरी की लिस्ट प्रदेशों को 10 दिन पहले भेज दी गई है। अब इन पैकेज के शुल्कों का राज्य के अस्पतालों की दरों से क्रॉस मैचिंग की जा रही है। उम्मीद है कि एक माह के अंदर शुल्क बढ़ोतरी के सभी नए पैकेज लागू हो जाएंगे।
पेरीफेरल आर्टियल सर्जरी फ्री
दिल से अंगों में रक्त पहुंचने वाली धमनी में ब्लॉकेज हो रही है। खासकर हाथ-पैर की नसों के बंद होने की समस्या आम हो रही है। वहीं, घुटने के पास नस बंद होने से प्रोस्थेटिक, सिंथेटिक ग्राफ्ट लगाना पड़ता है। इन बीमारियों के निदान के लिए पेरीफेरल आर्टियल सर्जरी भी मुफ्त होगी। इसके लिए 50 हजार रुपये तय किए गए हैं।
वॉल्व के इलाज का पैकेज डबल
वयस्कों में बलून पल्मोनरी व एओटिक वाल्वोटमी का पैकेज बढ़ाकर 25 से 37 हजार किया जाएगा। बच्चों में इस प्रोसीजर के लिए 56 हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा बलून डायलेटेशन ऑफ कॉर्टिकेशन ऑफ एओटा के प्रोसीजर का वयस्क में 25 हजार रुपये का पैकेज था। अब नए में 52 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं, बच्चे के मामले में यह पैकेज 71,600 रुपये का होगा।
यह भी जानें
- आयुष्मान योजना में पहले कुल 1425 पैकेज थे, जुलाई में बढ़कर 1430 हुए
- यूपी के कुल 466 सरकारी और 1444 निजी अस्पताल योजना से जुड़े हैं
- यूपी के 1 करोड़ 18 लाख परिवार लाभार्थी हैं। मुख्यमंत्री आरोग्य अभियान के 8 लाख 68 हजार गरीब परिवारों को जोड़ा गया है।
- अब तक 1,77,575 रोगियों को मिला इलाज
- 46 लाख नौ हजार 113 का बनाया गया गोल्डेन कार्ड