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यूपी में आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड के लिए लगेंगे विशेष शिविर, ग्राम प्रधानों का भी लिया जाएगा सहयोग

उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड की सुविधा अधिक से अधिक पात्र जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए कसरत तेज कर दी गई है। इसके लिए कम प्रगति वाले इलाकों को चिन्हित कर विशेष शिविर लगाने का निर्देश दिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 08:23 AM (IST)
यूपी में आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड के लिए लगेंगे विशेष शिविर, ग्राम प्रधानों का भी लिया जाएगा सहयोग
यूपी में आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए विशेष शिविर लगेंगे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। Ayushman Bharat PM Jan Arogya Yojana: उत्तर प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में जुटी योगी सरकार सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाना चाहती है। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड की सुविधा अधिक से अधिक पात्र जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए कसरत तेज कर दी गई है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कम प्रगति वाले स्थानों को चिन्हित कर वहां विशेष शिविर लगाने का निर्देश दिया है। इस काम में ग्राम प्रधानों का भी सहयोग लिया जाएगा।

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लोकभवन में मंगलवार को आयोजित प्रोजेक्ट मानीटरिंग ग्रुप की बैठक में आयुष्मान गोल्डन कार्ड, वेलनेस सेंटर, यूपी इंस्टीट्यूट आफ फोरेंसिक साइंस, नए मेडिकल कालेज, रायबरेली व गोरखपुर में एम्स, लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय, आजमगढ़, अलीगढ़ व सहारनपुर में राज्य विवि की स्थापना की प्रगति की समीक्षा की गई। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड की प्रगति का ब्योरा लेते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जिन क्लस्टर में वितरण औसत से कम है, उनको चिन्हित कर वहां विशेष शिविर लगवाकर शत-प्रतिशत गोल्डन कार्ड बनवाए जाएं। इस काम में ग्राम प्रधानों का भी सहयोग लिया जाए।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब तक एक करोड़ 42 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। बीती 26 जुलाई से शुरू हुए अभियान के पहले दिन 26 हजार से अधिक कार्ड बनवाए गए हैं, जिन्हें बढ़ाकर 50 हजार कार्ड प्रतिदिन किए जाने की तैयारी है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को पंचायती राज संस्थाओं से जोड़ने के लिए कहा गया है।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि फोरेंसिक इंस्टीट्यूट का शिलान्यास एक अगस्त को प्रस्तावित है। नए बने नौ मेडिकल कालेजों में करीब 55 फीसद भर्ती की जा चुकी हैं। तीसरे चरण में कुल 14 मेडिकल कालेज बुलंदशहर, औरैया, सोनभद्र, ललितपुर, चंदौली, सुल्तानपुर, गोंडा, लखीमपुर खीरी, अमेठी, कुशीनगर, कानपुर देहात, कौशांबी, बिजनौर और पीलीभीत में बन रहे हैं। इनमें से 13 मेडिकल कालेजों का काम शुरू हो गया है। अमेठी में जल्द शुरू होगा। एम्स गोरखपुर का काम 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ का प्रशासनिक ब्लाक भी 25 दिसंबर तक पूरा करने की तैयारी है।


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