रसोई घर की सामग्री करेगी कोरोना से बचाव, आयुष कवच एप का नया फीचर 'आयुर्वेद किचन' बताएगा घरेलू नुस्खे
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और श्वसन तंत्र को मजबूत रखने के लिए तमाम घरेलू नुस्खे हैं जिनके लिए सामग्री रसोई घर में ही मौजूद है। आयुष विभाग द्वारा तैयार किए गए आयुष कवच एप में आयुर्वेद किचन नाम से नया फीचर जोड़ा गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। घर के किचन में रखी हल्दी खाने को रंग देने के साथ किस रोग में गुणकारी है, अजवाइन, लौंग और जायफल खाने को महक देने के साथ किन रोगों से छुटकारा दिलाते हैं, इसकी जानकारी अब उत्तर प्रदेश का आयुष विभाग देगा। रसोई घर में रखी इन सामग्रियों का कैसे और किस तरह से इस्तेमाल करके रोगों से लड़ा जाए, यह सभी जानकारियां अब आयुष कवच एप के 'आयुर्वेद किचन' फीचर के जरिए हासिल की जा सकेगी।
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और श्वसन तंत्र को मजबूत रखने के लिए तमाम घरेलू नुस्खे हैं, जिनके लिए सामग्री रसोई घर में ही मौजूद है। आयुष विभाग द्वारा तैयार किए गए आयुष कवच एप में 'आयुर्वेद किचन' नाम से नया फीचर जोड़ा गया है। इसकी मदद से आप काली मिर्च, अदरक, हल्दी, अजवाइन व दालचीनी इत्यादि का किस तरह और कितनी मात्रा में सेवन करें, इसकी पूरी जानकारी आयुर्वेद के डॉक्टरों द्वारा दी गई है।
आयुष विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ. एसके दीक्षित ने बताया कि आयुर्वेद डॉक्टरों के वीडियो भी इस एप पर अपलोड किए गए हैं, जिसकी मदद से कोई भी घर बैठे आसानी से काढ़ा और अन्य पौष्टिक खाद्य सामग्री तैयार कर सकता है। यह एप प्राकृतिक संसाधनों से इम्यूनिट को बढ़ाने के बारे में अपडेट देगा। यह एप आयुर्वेद में मौजूद जड़ी-बूटियों और चिकित्सा पद्धति पर आधारित है। आयुर्वेद और भारत की प्राचीन परंपराओं में इस प्रकार के किसी भी वायरस से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने से जुड़े तमाम तथ्य उपलब्ध हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा संकाय के समन्वयक डॉ. अमरजीत यादव कहते हैं कि दालचीन, बड़ी इलाइची और तुलसी के पत्ते को पानी में डालकर उसकी भाप लेने से श्वसन शुद्धि होती है। इससे सांस नली व फेफड़े ठीक रहते हैं। यूपी सरकार द्वारा बीते वर्ष पांच मई को लांच किए गए आयुष कवच एप के इस समय 20 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए लोगों को बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।