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नेपाली पीएम के बयान पर उबली रामनगरी, बोले संत- वहां की सांस्कृतिक अस्मिता से भी घात कर रहे ओली

संतों ने कहा चीन के इशारे पर भारत-नेपाल की सांस्कृतिक अभिन्नता कर रहे तार-तार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:34 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 11:34 AM (IST)
नेपाली पीएम के बयान पर उबली रामनगरी, बोले संत- वहां की सांस्कृतिक अस्मिता से भी घात कर रहे ओली
नेपाली पीएम के बयान पर उबली रामनगरी, बोले संत- वहां की सांस्कृतिक अस्मिता से भी घात कर रहे ओली

अयोध्या, (रघुवरशरण)। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ के इस बयान पर रामनगरी आक्रोशित है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने कहा कि अयोध्या और नेपाल का रिश्ता अनादिकाल से चला आ रहा है, इस रिश्ते को तोड़ने की कोशिश करना दुर्भाग्यपूर्ण है और दोनों पक्षों के लोग इस सच्चाई को समझते हैं।

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आचार्य पीठ दशरथमहल बड़ास्थान पीठाधीश्वर बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य के अनुसार चीन को खुश करने के चक्कर में नेपाली प्रधानमंत्री अयोध्या और भारत के साथ नेपाल की महान सांस्कृतिक विरासत से खिलवाड़ कर रहे हैं और उनका यह रवैया अयोध्या या भारत ही नहीं नेपाल की सांस्कृतिक अस्मिता पर आघात है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा, यह नेपाली प्रधानमंत्री की अवसरपरस्ती और बौद्धिक पतन की पराकाष्ठा है। ऐसा कर वे अयोध्या से कहीं अधिक नेपाल की उस जनता का अपमान कर रहे हैं, जो सांस्कृतिक तौर पर अयोध्या से अविच्छिन्न है। मधुर उपासना परंपरा की शीर्ष पीठ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास का कहना है कि ओली का बयान दुनिया को सांस्कृतिक-आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करने वाली रामनगरी का तो बाल नहीं बांका कर पाएगा। ओली किसी देश के प्रधानमंत्री रहने लायक नहीं है, नेपाल जैसे सनातन संस्कार वाले देश के तो कतई नहीं।

पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास के अनुसार नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने नेपाल को चीन के आगे कूटनीतिक और भौगोलिक तौर पर पहली ही गिरवी रख दिया था। इस बयान से वे सांस्कृतिक तौर पर भी नेपाल को गिरवी रखते नजर आ रहे हैं। हालांकि स्वयं नेपाल के लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।

दंतधावनकुंड पीठाधीश्वर महंत नारायणाचारी ने कहा, ओली का बयान अयोध्या को कुपित करने वाला है और नेपाल को लज्जित करने वाला है। नेपाल को यह समझना होगा कि ऐसे गैर जिम्मेदार व्यक्ति के हाथ में देश की सत्ता नेपाल को खतरे में डाल सकती है।

निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास ने कहा, नेपाली प्रधानमंत्री नेपाल की गरिमा से खिलवाड़ कर रहे हैं और चीनी एजेंट की भूमिका में काम कर रहे हैं।

प्रख्यात कथा व्यास एवं बचपन ट्रस्ट के अध्यक्ष पं. राधेश्याम शास्त्री के अनुसार ओली का यह बयान साजिशपूर्ण है। सच्चाई तो उन्हें भी बखूबी पता है, पर चीन के इशारे पर वे नेपाल और भारत का रिश्ता बिगाड़ने का दिवा स्वप्न देख रहे हैं।

तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास ने कहा, ओली का रुख नेपाल को रसातल में ले जाने वाला है। अयोध्या के लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वह नेपाल को ओली से बचाने में सहयोगी बने। गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरजीत सिंह ने कहा, ओली उन ताकतों की कठपुतली बनते जा रहे हैं, जो भारत और नेपाल के रिश्तों को खराब करना चाहते हैं।

आहत होने वालों में इकबाल एवं बब्लू खान भी

मस्जिद के मुद्दई रहे मो. इकबाल से लेकर राममंदिर के हक में अभियान चलाते रहे बब्लू खान तक आहत हैं। इकबाल ने कहा, नेपाली प्रधानमंत्री का बयान आक्रोशित करने वाला है और वे यह भूल रहे हैं कि यहां राम जी के साथ

हनुमान जी का भी वास है। यदि हनुमान जी को गुस्सा आ गया, तो उनकी गदा से बचना ओली के लिए मुश्किल हो जाएगा। बब्बलू खान ने कहा, भगवान राम नेपाल के नहीं थे, पर नेपाल उनका जरूर है। उनके भक्तों में भारतीय ही नहीं नेपाली भी शामिल हैं।

ओली के लिए हुआ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ

ओली के बयान को गैर जिम्मेदाराना और साजिशपूर्ण बताने वाले रामादल के अध्यक्ष पं. कल्किराम ने रामकीपैड़ी स्थित दल के मुख्यालय पर बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। पं. कल्किराम ने कहा, भारत-नेपाल देश के रूप

में दो शरीर हैं, पर संस्कृति के रूप में वे एक जान हैं और इस आत्मिक अभिन्नता को समझे बिना ओली नेपाल के प्रधानमंत्री रहने के अधिकारी नहीं हैं।

नेपाल से लेकर पूरी दुनिया में घिरे ओली, सोशल मीडिया पर भर्त्सना

नेपाल के प्रधानमंत्री का भगवान राम को नेपाली बताने और अयोध्या की नेपाल में मौजूदगी के बाद वे नेपाल से लेकर भारत समेत पूरी दुनिया में घिर गए हैं। बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर घेराबंदी और भर्त्सना हो रही है। एक ट्वीट नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई का भी आया है, जिसमेें उन्होंने कहा है कि आदि-कवि ओली द्वारा रचित कलयुग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम का यात्रा करिए। इसके अलावा नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने भी ट्वीट करके कहा है कि किसी भी प्रधानमंत्री को आधारहीन, अप्रमाणित बयान नहीं देना चाहिए। यहां तक कि ओली के पूर्व मीडिया सलाहाकार कुंदन आर्यल ने भी ट्वीट करे ओली को चेताया है। भारतीय समेत तमाम देशों के ट्वीटर यूजर्स ने ओली को इन ट्वीट के माध्यम से आईना दिखाया है। साथ ही इस्लामाबाद, टोक्यो, पेरिस, लंदन समेत दुनिया के तमाम शहरों के नाम गिनाकर उनके नेपाल मे होने की खिल्ली उड़ाई है।

क्या कहा था ओली ने

ओली ने नेपाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भगवान राम नेपाली थे। असली अयोध्या भारत में नहीं, नेपाल के बीरगंज में है। उसके बाद से वे नेपाल समेत भारत के श्रद्धालुओं के निशाने पर हैं।


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