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Ayodhya Ram Mandir Land: अयोध्या में जमीन खरीद का सच- ज्यादा नहीं, ट्रस्ट ने तो जमीन की कम कीमत दी

Ayodhya Ram Mandir Land Purchase श्रीरामजन्मभूमि परिसर से कुछ ही फासले पर बाग बिजेसी मुहल्ला में की भूमि की खरीद में रविवार को समाजवादी पार्टी के नेता तथा पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन के घोटाले के आरोप को ट्रस्ट ने बेबुनियाद बताया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 09:25 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 10:41 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir Land: अयोध्या में जमीन खरीद का सच- ज्यादा नहीं, ट्रस्ट ने तो जमीन की कम कीमत दी
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण

अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ ही दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए कृतसंकल्पित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीदने में घोटाले के आरोप को बेबुनियाद बताया है। ट्रस्ट का दावा है कि जिन जमीनों को खरीदा गया है, उनका मूल्य बाजार दाम से कम ही दिया गया है।

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अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर से कुछ ही फासले पर बाग बिजेसी मुहल्ला में की भूमि की खरीद में रविवार को समाजवादी पार्टी के नेता तथा पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन के घोटाले के आरोप को ट्रस्ट ने बेबुनियाद बताया है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक जमीन का एग्रीमेंट पहले ही हो चुका था, हमने जमीन की औसत से भी कम कीमत चुकाई है।

समाजवादी पार्टी नेता के आरोप का मुख्य आधार यह था कि जिस भूमि का इसी वर्ष 18 मार्च को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया, उस भूमि का एग्रीमेंट करने वाले रविमोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी ने उसी तारीख को 10 मिनट पहले ही मात्र दो करोड़ रुपये में बैनामा कराया था। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया था कि दो करोड़ की भूमि 18.50 करोड़ में एग्रीमेंट कराने के पीछे बड़ा घोटाला किया गया।

ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सोमवार को कहा कि सच्चाई यह है कि संबंधित भूमि का चार मार्च, 2011 को यानी 10 वर्ष पहले मोहम्मद इरफान, कुसुम पाठक व हरिदास ने दो करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया था। तीन वर्ष बाद इस एग्रीमेंट का नवीनीकरण भी कराया गया। इस भूमि का 2017 में हरिदास एवं कुसुम पाठक ने भू स्वामी नूर आलम, महफूज आलम एवं जावेद आलम से बैनामा करा लिया। हरिदास एवं कुसुम पाठक से इस भूमि का 17 सितंबर, 2019 को रविमोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी आदि आठ लोगों ने एग्रीमेंट कराया। रविमोहन एवं सुल्तान अंसारी ने ही 18 मार्च, 2021 को इस भूमि का बैनामा कराया।

पूर्व मंत्री पवन पाण्डेय जिस भूमि को दो करोड़ का बता कर उसे 18.50 करोड़ में क्रय करने पर आपत्ति जता रहे हैं, तय सर्किल रेट चार हजार आठ सौ रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भी उसकी मालियत पांच करोड़ 79 लाख 84 हजार तय होती है। जबकि मालियत से इतर बाग बिजेसी एवं रामनगरी के आस-पास की जमीन का मौजूदा औसत मूल्य दो हजार रुपये प्रति वर्ग फीट है और इस हिसाब से देखें तो ट्रस्ट ने संबंधित भूमि के लिए औसत मूल्य से भी काफी कम कीमत चुकाई है। संबंधित भूमि का क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर यानी एक लाख 29 हजार 981 वर्ग फीट है और इस हिसाब से ट्रस्ट ने 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट से जमीन की कीमत अदा की है। 

राम मंदिर का फैसला आते ही जमीनों के दाम बढ़ गए

राम मंदिर के पक्ष में फैसला आते ही अयोध्या में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ गए। अभी जिले में 20 लाख से 50 लाख रुपए बिस्वा जमीन का रेट है। उत्तर प्रदेश सरकार भी कई योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहीत कर रही है। इससे भी जमीन के दाम में बढ़ोतरी हुई है। बड़े कारोबारी अयोध्या में होटल्स, मॉल और मार्केट खोलने के लिए जमीनें ले रहे हैं। कई तरह की इंडस्ट्री भी लगने वाली है।

आरोप लगाने वाले राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित : चम्पतराय

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय बंसल ने कहा है कि आरोप लगाने वाले लोग राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं। चम्पतराय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंदिर के पूर्व व पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा व रिटेनिंग वाल के लिए परिसर से लगे कुछ मंदिरों एवं स्थानों को परस्पर सहमति से क्रय किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान या व्यक्ति का पुनर्वास किया जाएगा। पुनर्वास के लिए भूमि का चयन संबंधित पक्ष की सहमति से किया जा रहा है। बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि इसी प्रक्रिया के अंतर्गत पूरी पारदर्शिता से क्रय की गई है। इस भूमि के संबंध में वर्ष 2011 से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में 2011, 2017 व 2019 में अनुबंध संपादित हुआ।

यह भूखंड ट्रस्ट को अनुकूल लगा। भूमि का जो मूल्य मांगा गया, उसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की गई और 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से कीमत तय हुई। जो आस-पास बाजार मूल्य से बहुत कम होने के चलते भी ट्रस्ट को उपयोगी लगी। आरोप लगाने वालों ने तथ्यों की जानकारी नहीं ली। जितना क्षेत्रफल है उसकी तुलना में इस भूमि का मूल्य 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट है जो बाजार मूल्य से बहुत कम है। मालिकाना हक का निर्णय करना बहुत जरूरी था जो कराया गया। हमने जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। अभी बैनामा कराया जाना बाकी है।

किसी के साथ कोई धोखा नहीं : सुल्तान

ट्रस्ट के नाम संबंधित भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने वाले सुल्तान अंसारी का कहना है कि संबंधित भूमि के क्रय-विक्रय में न हमने और न ट्रस्ट ने कोई धोखा किया है। एक दशक पूर्व अयोध्या में जब जमीन की कीमत काफी कम थी, तभी हम लोगों ने दो करोड़ में संबंंधित भूमि का एग्रीमेंट कराया था। सच्चाई यह है कि राम मंदिर में सहयोग को ध्यान में रखकर इस जमीन को बाजार भाव से काफी कम में एग्रीमेंट किया गया है।

जमीन क्रय की हकीकत

  • -2011 में पहली बार कराया गया जमीन का एग्रीमेंट
  • -4800 रुपये प्रति वर्ग मीटर है संबंधित भूमि का सर्किल रेट
  • -दो हजार रुपये प्रति वर्ग फीट है रामनगरी की जमीन का औसत मूल्य
  • -1423 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से ट्रस्ट ने अदा की जमीन की कीमत
  • -12080 वर्ग मीटर है संबंधित भूमि का क्षेत्रफल।

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