सलमान नदवी ने राममंदिर निर्माण के बदले मांगे पद, पैसा और जमीन, वादा खिलाफी पर तहरीर
मिश्रा ने कहा कि नदवी ने उनसे अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिये 200 एकड़ जमीन, राज्यसभा में सदस्यता और 1,000 करोड़ रुपये मांग की है।
लखनऊ(जेएनएन)। अयोध्या सदभावना समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के कार्यकारी सदस्य रहे मौलाना सलमान हसन नदवी पर गंभीर आरोप लगाया गया है। मिश्रा ने कहा कि नदवी ने उनसे अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिये 200 एकड़ जमीन, राज्यसभा में सदस्यता और 1,000 करोड़ रुपये मांग की है। मौलाना नदवी ने यह रिश्वत अमरनाथ मिश्रा से मांगी है। फिलहाल हसन नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से हटा दिया गया है।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के निष्कासित मौलाना सलमान नदवी के खिलाफ हसनगंज कोतवाली में दी गई तहरीर। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास की तरफ से पुलिस को मिली तहरीर। मौलाना सलमान नदवी पर वादा खिलाफी का लगा आरोप। पुलिस ने तहरीर लेकर जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने की कही बात।
मिश्रा ने कहा कि वह पांच फरवरी को नदवी से मुलाकात की और बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मामले पर चर्चा की, जिसके बाद नदवी ने उनसे रूपयों के साथ सरकार में पद की मांग की है। नदवी ने मुझसे इस मुद्दे पर एक लिखित प्रस्ताव देने को कहा और मैंने भी यही किया, जिसे सभी को भेजा गया। वह मक्का की तरह अयोध्या और लखनऊ में भी एक मस्जिद बनाना चाहते हैं। इसके लिये लिए उन्होंने 200 एकड़ जमीन, राज्यसभा में सदस्यता और 1,000 करोड़ रुपये की डिमांड रखी है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना सलमान नदवी ने श्री श्री रविशंकर से मुलाक़ात में विवादित ज़मीन पर राम मंदिर बनाने और मस्जिद को दूसरी जगह शिफ़्ट करने का फ़ॉर्मूला दिया था।
कब और कहां मांगी रिश्वत
अमरनाथ के अनुसार पांच फरवरी को लखनऊ के नदवा कॉलेज में उनकी मौलाना नदवी से मुलाकात हुई थी। उन्होंने इस मुलाकात में हमसे कहा हिंदु पक्षकारों की तरफ से जो प्रस्ताव हों वह हमें लिखकर दे दें, इन प्रस्तावों पर बोर्ड की होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। अमरनाथ के मुताबिक उन्होंने यह प्रस्ताव मौलाना नदवी को लिखकर दे दिया था। मौलाना ने यह प्रस्ताव मीडिया में लीक कर दिया जिससे बोर्ड मौलाना से नाराज़ हुआ, मौलाना को इस प्रस्ताव पर पहले बोर्ड में डिस्कस करना चाहिए था। यही नहीं मौलाना इस बैठक से पहले श्री श्री रविशंकर से मिलने बंगलुरु भी गए थे।
अमरनाथ के अनुसार मौलाना से उनकी पांच फरवरी की मुलाकात के दौरान इमाम कौंसिल के महासचिव हाजी मसरूर खान भी मौजूद थे। अमरनाथ का कहना है कि मौलाना नदवी अयोध्या का इस्लामीकरण करना चाहते हैं। वह अयोध्या को नए मक्का मदीना बनाना चाहते हैं। जब उन्होंने हमसे प्रस्ताव मांगा था तो साथ में पांच हज़ार करोड़ रुपये, दौ एकड़ ज़मीन और राज्यसभा की सीट मांगी थी।
अमरनाथ ने इस मसले में मुख्यत: पांच आरोप लगाए हैं। इसमें सबसे पहला आरोप है कि मौलाना नदवी ने राम जन्मभूमि पर अपना पक्ष बदलने की एवज में पांच हज़ार करोड़ रुपये मांगे। दूसरे उन्होंने 200 एकड़ ज़मीन मांगी। तीसरे मौलाना ने उनसे राज्य सभा की सीट देने की भी मांग की। चौथे,मौलाना नदवी ने अपना यह प्रस्ताव सबसे पहले श्री श्री रविशंकर के सामने रखा था। पांचवे, इस प्रस्ताव की एवज में श्री श्री रविशंकर के दफ्तर से यह जवाब आया कि अयोध्या मसला केवल सदृभाव या सौहार्द से ही सुलझ सकता है। किसी डील से नहीं।
मौलाना नदवी ने अमरनाथ के सारे आरोपों को खारिज़ करते कहा कि वह अमरनाथ या हाजी मसरूर खान को नहीं जानते हैं। मौलाना नदवी के अनुसार अमरनाथ झूठ बोल रहे हैं। नदवी ने इस परे मामले को साजिश करार दिया। नदवी ने इन आरोपों को लगाने वाले अमरनाथ पर कानूनी कार्रवाई करने से भी मना कर दिया। वहीं नदवी ने मिश्रा के दावों को खारिज करते हुये मिश्रा पर आरोप लगाया कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव बनाए रखने के लिए ऐसे मुद्दों को उठाते रहते हैं। ऐसे लोगों को अयोध्या में कोई मंदिर या मस्जिद नहीं बनाया जाना चाहिए। वह एक गलत आदमी हैं और उनका एकमात्र काम ईश्वर के काम में तनाव पैदा करना है। वे डरे हुए हैं कि हिंदू और मुस्लिम एकजुट होंगे। मैं केवल यही हूं जो इस मुद्दे को उठा रहा है। उन्होंने कहा कि हम देश में शांति और समृद्धि का संदेश फैलाना चाहते हैं।