Ayodhya Case: राम विलास वेदांती बोले, खंडहर गिराकर भव्य मंदिर बनवाने का लिया था संकल्प
सीबीआइइ की विशेष अदालत में गवाही देने पहुंचे वेदांती महाराज ने दी जानकारी। साक्ष्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना जहां रामलला वहीं है राम जन्मभूमि।
लखनऊ, (सौरभ शुक्ला)। राम जन्म भूमि का वह भव्य मंदिर था जिसको राजा विक्रमादित्य ने 84 कसौटी के खंभे पर बनवाया था। उस मंदिर पर रामलला विराजमान थे। इसलिए हमने खंडहर को तोड़वाकर नया मंदिर बनवाने के संकल्प लिया था। यह जानकारी अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में आरोपित एवं पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने दी। वह मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान पांचवे दिन गवाही देने पहुंचे थें।
उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ शब्दों में कह दिया है कि जहां राम लला विराजमान हैं वहीं रामजन्म भूमि है। सुप्रीम कोर्ट में भी वही कहा जो हम लोग कह रहे थे। शास्त्र, वेद-पुराण, इतिहास सब यही कहते हैं कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ है। हमने उसी अयोध्या के उस खंडहर को तुड़वाकर भव्य राम लला मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरा किया।
गौरतलब है कि सोमवार को अदालत में रामजी गुप्ता के अतिरिक्त प्रकाश शर्मा भी उपस्थित हुए थे। सुनवाई के समय सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललित कुमार सिंह, पूर्णेंदु चक्रवर्ती और आरके यादव उपस्थित थे। अदालत ने पवन पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, कल्याण सिंह, रामविलास वेदांती और साक्षी महाराज समेत 27 लोगों की हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए कहा है कि जिनके बयान होना शेष है, बुलाए जाने पर बयान दर्ज कराने के लिए न्यायालय के समक्ष उपस्थित हों। आरोपित लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के संबंध में अदालत ने कहा है कि इन सभी लोगों की हाजिरी अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम आदेश तक माफ है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को निर्देशित किया जाता है कि वह लोग निर्देशित होने पर उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे।