Move to Jagran APP

After Ayodhya Verdict: खड़ाऊं की खट-खट में अयोध्या दे रही ओवैसी-जीलानी को जवाब

भावनाएं भड़का कर स्वार्थ की रोटियां सेंकने का इरादा रखनेवालों को निराश कर रहा अयोध्या का सौहार्द।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 02:38 PM (IST)
After Ayodhya Verdict: खड़ाऊं की खट-खट में अयोध्या दे रही ओवैसी-जीलानी को जवाब
After Ayodhya Verdict: खड़ाऊं की खट-खट में अयोध्या दे रही ओवैसी-जीलानी को जवाब

अयोध्या [आशुतोष मिश्र]। रामनगरी में जय श्रीराम के उद्घोष के बाद अगर कोई आवाज सबसे ज्यादा गूंजती है तो वो खड़ाऊं की खट-खट ही है। हनुमानगढ़ी से सरयू घाट की ओर जाने वाली सड़क पर यही खट-खट सुनाई दे रही है। सिर्फ साधु-संतों के बढ़ते कदमों के साथ ही नहीं, दाहिने हाथ पर सजी दुकानों से भी यही आवाज आ रही है। यहां बिकते और बनते खड़ाऊंओं की इस खट-खट में असद्दुदीन ओवैसी, जफरयाब जीलानी और इन जैसे दूसरों के लिए जवाब छिपा है। 

loksabha election banner

ये दुकाने हैं मोहम्मद आलम, सलीम और अन्य मुस्लिम भाइयों की हैं। रोज की तरह ये दुकानें मंगलवार को भी खुली मिलीं। सलीम फैसले पर टिप्पणी करने से बचना चाहते हैं। मोहम्मद आलम भी कुछ कहने में अचकचाते हैं लेकिन, थोड़ा संवाद के बाद विश्वास बनते ही खुल जाते हैं। कहते हैं कि दशकों पुराना विवाद सुलझ गया। बहुत ही अच्छा हुआ। किसी तरह से दुकान से दो जून की रोटी चलती है। शहर का विकास होगा तो निश्चित ही सबके लिए अच्छा होगा। चंद कदम फासले पर भगवान के जलाभिषेक के लिए लोटा, आरती की कटोरी, अगरबत्ती स्टैंड आदि बेचने वाली मोहतरमा भी फैसले के बाद अब बेहतर कल की उम्मीदें पाले हुए हैं। इन लोगों की बातें महसूस कराती हैं कि जीलानी और ओवैसी जैसे लोग कुछ भी सोचें लेकिन अयोध्या के मुसलमानों को विवाद के खात्मे से सुकून मिला है।

अयोध्या का यह माहौल नया नहीं है। सौहार्द यहां की थाती है। बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे मरहूम हाशिम अंसारी भी इंतकाल से पहले रामलला को तिरपाल में रहने पर पीड़ा जता गए थे। उनके बाद केस के मुद्दई बने बेटे इकबाल अंसारी भी गंगा-जमुनी तहजीब के अलमबरदार हैं। फैसले के बाद वह मुस्लिम समाज से मंदिर निर्माण में सहयोग करने के लिए खुले तौर पर अपील कर चुके हैं। ये चंद नाम तो अयोध्या के सौहार्द के प्रतीक मात्र हैं। यहां के मुस्लिमों के लिए हमेशा से देश पहले है और बाकी सब बाद में। चाहे मंदिर की पैरोकारी करने वाले साधन संपन्न बब्लू खान की आवाज हो या मेहनतकश खड़ाऊ विक्रेताओं के दुकानों की खट-खट, इख्तिलाफ पैदा करने वाली बातों को अयोध्या कल भी जवाब देती थी और आज भी दे रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.