फर्राटा भरते ही हो जाएगा चालान; जमा करें शुल्क, वरना काटने होंगे कोर्ट के चक्कर
लखनऊ में चिन्हित दस स्थानों पर लगे कैमरे तय स्पीड से ज्यादा तेज चलने पर ऑटोमेटिक करेंगे वाहनों के चालान।
लखनऊ, जेएनएन। शहर में वाहनों की रफ्तार जानलेवा होती जा रही है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दुर्घटना में मरने वालों में लखनऊ दूसरे नंबर पर है। वाहनों की रफ्तार परअंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस ने प्रमुख मार्गों पर स्पीड सेंसर कैमरे लगा दिए है। शहर में चिन्हित दस स्थानों पर लगे यह कैमरे तय स्पीड से ज्यादा तेज चलने वाले वाहनों का ऑटोमेटिक चालान करेंगे। वहीं तेज रफ्तार वाहनों की धरपकड़ के लिए स्पीड मीटर के साथ पुलिस कर्मी भी तैनात किए गए हैं। जो वाहनों का चालान करने के साथ उनको सीज करने का भी करेंगे। एडीसीपी यातायात पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि शहर में बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए प्रमुख मार्गों पर स्पीड सेंसर कैमरे लगाए गए हैं।
इन मार्गों पर लगे कैमरे
लोहिया पथ, खुर्रम नगर-कुकरैल बाईपास, तेलीबाग, जनेश्वर मिश्र पार्क के पास, बंगला बाजार से कैंट रोड, अवध चौराहे से दुबग्गा, आंबेडकर पार्क, अहिमामऊ से सुल्तानपुर रोड, शहीद पथ, रिंग रोड।
प्रमुख मार्गों की तय रफ्तार
शहीद पथ 80 किमी प्रति घंटाआइआइएम से दुबग्गा 60 किमी प्रति घंटातेलीबाग से मोहनलालगंज 40 किमी प्रति घंटासुल्तानपुर रोड पर 40 किमी प्रति घंटालोहिया पथ पर 40 किमी प्रति घंटानगर निगम व एलडीए सीमा में 40 किमी प्रति घंटा। 2019 में प्रदेश के टॉप पांच शहरों में हुई दुर्घटना (एसीआरबी)शहर दुर्घटना मौतकानपुर 1144 659लखनऊ 938 401प्रयाग राज 776 283आगरा 334 358गाजियाबाद 256 260
चालान होते ही जमा करें शुल्क, वरना काटने होंगे कोर्ट के चक्कर
चालान का मैसेज आने के तीन दिन के अंदर शुल्क जमा कर दें। वरना कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे। नए नियम के अनुसार यातायात विभाग चालान का तीन दिन के अंदर निस्तारण कर कोर्ट को भेज दे रहा है। जिसके बाद चालान ऑन लाइन या डीसीपी यातायात कार्यालय में जमा होने हो सकेगा। उसके लिए वाहन स्वामी को कोर्ट जाना पड़ेगा।