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UP में नहीं थम रहा अपराध की दुस्साहसिक घटनाओं का सिलसिला, पुलिस की चूक पड़ रही भारी

लूट और हत्या की दुस्साहसिक घटनाओं के सिलसिले ने यूपी पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। विपक्ष भी लगातार हो रही वारदात को लेकर सरकार पर हमलावर है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 04:03 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 08:16 AM (IST)
UP में नहीं थम रहा अपराध की दुस्साहसिक घटनाओं का सिलसिला, पुलिस की चूक पड़ रही भारी
UP में नहीं थम रहा अपराध की दुस्साहसिक घटनाओं का सिलसिला, पुलिस की चूक पड़ रही भारी

लखनऊ, जेएनएन। लूट और हत्या की दुस्साहसिक घटनाओं के सिलसिले ने यूपी पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। विपक्ष भी लगातार हो रही वारदात को लेकर सरकार पर हमलावर है। 18 जुलाई से शुरू हो रहे विधान सभा सत्र में विपक्षी दल कानून-व्यवस्था व बढ़ते अपराध के मुद्दे को उठाएंगे। ऐसे में पुलिस के सामने संगीन घटनाओं के जल्द राजफाश की चुनौती है। डीजीपी ओपी सिंह ने सोमवार रात बीते दो सप्ताह में हुई संगीन घटनाओं को लेकर अधीनस्थों को कड़े निर्देश जरूर दिये थे, लेकिन थाना स्तर पर पुलिस की चूक उस पर भारी पड़ रही है।

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जून की शुुरुआत में अलीगढ़ के टप्पल कांड ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे। टप्पल, हमीरपुर व मेरठ में एक सप्ताह के भीतर मासूमों की दरिंदगी से हत्या की घटनाओं ने पुलिस को बैकफुट पर ला दिया था। वरिष्ठ अधिकारियों ने फुट पेट्रोलिंग से लेकर गश्त बढ़ाने के दावे तो दोहराये, लेकिन घटनाएं उनकी पोल खोलती चली गईं। आगरा की दीवानी कचहरी में उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष दरवेश सिंह की सनसनीखेज हत्या, सुलतानपुर में एल एंड टी फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों को गोली मारकर लूट, अयोध्या में प्रधान की हत्या, बुलंदशहर में देवरानी-जेठानी की कार से कुचलकर की गई हत्या, लखनऊ के आलमबाग में व्यवसायी की हत्या कर लाखों की लूट, अलीगढ़ में परचून व्यवसायी से लूट, अमरोहा में कलेक्शन एजेंट की गोली मारकर हत्या जैसी घटनाओं ने स्थानीय पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठाने के साथ ही ध्वस्त हो चुके मुखबिर तंत्र की तस्वीर भी उजागर कर दी है।

डीजीपी को अब वीडियो कांफ्रेंसिंग करके थाना स्तर पर अपराधियों को सूचीबद्ध कर शिकंजा कसने व अधिकारियों को थानों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश देने पड़ रहे हैं। पुलिसकर्मियों के बंदूक तानकर चेकिंग करने से लेकर थानों पर बेकसूरों की पिटाई व बदसलूकी की घटनाएं भी पुलिस की छवि को खराब कर रही हैं।  


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